NewDelhi : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मध्य प्रदेश के धार जिले में विवादास्पद भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण आज रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. कमाल मौला मस्जिद वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने संवाददाताओं को जानकारी दी कि उन्होंने शनिवार को ई-मेल के माध्यम से एएसआई को अपनी कुछ आपत्तियां सौंपी हैं. वह मामले के एक पक्षकार भी हैं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
For Hindus, the Bhojshala Complex is a temple dedicated to Goddess Vagdevi (Saraswati), while for Muslims, it is the site of the Kamal Maula mosque. As per an arrangement in 2003, Hindus perform puja at the complex on Tuesdays from sunrise to sunset while Muslims offer namaz on…
— ANI (@ANI) March 24, 2024
एएसआई 2003 के बाद भोजशाला के अंदर रखी गयी वस्तुओं को सर्वेक्षण में शामिल न करे
अब्दुल समद ने कहा, हमारी आपत्ति यह है कि एएसआई को 2003 के बाद भोजशाला के अंदर रखी गयी वस्तुओं को सर्वेक्षण में शामिल नहीं करना चाहिए. मैंने अपनी आपत्तियां ई-मेल के माध्यम से भेज दी हैं. समद ने कहा कि एएसआई के तीन दल परिसर के अंदर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं (मस्जिद वेलफेयर) सोसायटी का एकमात्र व्यक्ति हूं जो सर्वेक्षण के दौरान अंदर था. मेरी आपत्ति यह है कि एएसआई टीम को एक जगह पर काम करना चाहिए, न कि तीन स्थानों पर. एएसआई की एक टीम रविवार सुबह वरिष्ठ पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ इस आदिवासी बहुल जिले में विवादित परिसर में पहुंची.
यह मध्यकालीन युग का स्मारक है, इसे वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर माना जाता है
हिंदू पक्ष की ओर से याचिकाकर्ता आशीष गोयल और गोपाल शर्मा भी भोजशाला परिसर पहुंचे. मौके पर भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किये गये हैं. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शुक्रवार को सर्वेक्षण शुरू हुआ. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया. यह मध्यकालीन युग का स्मारक है जिसके बारे में माना जाता है कि यह वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है और मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहता है. सात अप्रैल 2003 को जारी एएसआई के आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को शुक्रवार को यहां पर नमाज अदा करने की इजाजत है.