पंचायत के लोगों को मिल रहीं सरकारी सुविधाएं
Sariya (Giridih) : सरिया प्रखंड से करीब 7 किलोमीटर दूर जंगलों में बसी पावापुर पंचायत पहले टापूनुमा इलाका था. भौगोलिक स्थिति ऐसी कि वहां लोग दिन में भी जाने में डरते थे. पंचायत जाने के लिए पतली पगडंडी एक मात्र रास्ता हुआ करता था. लेकिन मुखिया संगीता देवी ने अपने 10 वर्षों के प्रयास से पंचायत की तस्वीर बदल दी है. आज पावापुर एक आदर्श पंचायत के रूप में उभर रहा है. मुखिया के प्रयास से यहां के ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ मिल रहा है. यहां के जरूरतमंद 120 लोगों को पीएम आवास, 350 राशनकार्ड, पेंशन, 150 शौचालय, पीसीसी व पेबर ब्लॉक सड़कें, पानी निकासी के लिए 7 नालियों का निर्माण कराया है. गांवों में सोलर लाइट के साथ घूमने के लिए एक पार्क भी बना है.
मनरेगा से कच्ची सड़कों का बिछाया जाल, सिंचाई के लिए बनवाया डोभा
मुखिया संगीता देवी बताती हैं कि रोजगार के अभाव में लोग दूसरे शहरों में रोजगार के लिए पलायन करते हैं. यहां के लोगों को पंचायत में ही काम मिले, इसके लिए उनका जॉब कार्ड बनवा और उन्हें लगातार काम मिलता रहे इसके प्रयास में वह हमेशा जुटी रहती हैं. पावापुर जाने के लिए एकमात्र पक्की सड़क (कालीकृत) है. मुखिया ने आमसभाओं में ग्रामीणों की सहमति से मनरेगा के जरिए कई कच्ची सड़कों का निर्माण कर प्रखंड व शहर से जोड़ने का काम किया है. वहीं, फसलों की सिंचाई के लिए मनरेगा से ही डोभा कर निर्माण कराया है.
ग्रामीण बोले- हर योजना का मिल रहा लाभ
ग्रामीण नागेश्वर राणा बताते हैं कि पहले पावापुर आने-जाने के लिए महज पगडंडी सहारा थी, लेकिन आज मनरेगा से कच्ची सड़कों का जाल बिछ गया है. इन कच्ची सड़कों से चार पहिया वाहन भी आसानी से गांवों में आना-जाना करते हैं. उन्होंने बताया कि मुखिया संगीता देवी की पंचायत के प्रति सकारात्मक पहल से लोगों को सरकार की लगभग हर योजना का लाभ मिल रहा है.
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास : संगीता देवी
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पावापुर की मुखिया संगीता देवी ने बताया कि जनता ने उन्हें जिन उम्मीदों के साथ उन्हें चुना है, उन्हें पूरा करना उनकी प्राथमिकता है. पंचायत वासियों को सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचना उनका कर्त्तव्य है और इसमें काफी हद तक सफल हुई हैं. सरकार से पावापुर जाने के लिए कालीकृत सड़क बनाने की मांग की है. इसे पूरा कराने के लिए प्रयासरत भी हैं.
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