Ranchi: राजधानी रांची के 20 एटीएम में डाली जाने वाली 4.07 करोड़ की राशि लेकर फरार हुए गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार हुआ है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए बिहार के मधेपुरा जिला के घैलाढ़ से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. रांची पुलिस की टीम आरोपी युवक को साथ रांची लेकर आ रही है. गौरतलब है कि इस मामले में बीते 31 दिसंबर 2019 को रांची पुलिस ने रांची की 20 एटीएम में डाली जाने वाली 4.07 करोड़ की राशि लेकर फरार हुए एजेंसी तीन कर्मियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तीनों में से एक की गिरफ्तारी दिल्ली से और दो सगे भाइयों को रांची पुलिस ने पटना के पाटलिपुत्र इलाके से की थी.उम्मीद जताई जा रही है कि रांची पुलिस गुरुवार को इस मामले की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी देगी
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48 लाख रूपया के साथ किया गया गिरफ्तार
रांची पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए मधेपुरा के घैलाढ़ रहने वाले 25 वर्षीय युवक प्रभाष कुमार को करीब 48 लाख रुपये के साथ उसके घर से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस ने मधेपुरा सीजेएम कोर्ट में अर्जी दायर कर अभियुक्त को दो दिनों के रिमांड पर रांची सिविल कोर्ट के सीजेएम वैशाली श्रीवास्तव की कोर्ट में अभियोजन हेतु पेश करने की मांग की. कोर्ट द्वारा सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर अभियुक्त को रांची पुलिस के हवाले कर दिया गया.
4 करोड़ से अधिक राशि का गबन
रांची के एसबीआई और यूबीआइ की 20 अलग-अलग एटीएम में एसआइएस कर्मियों को 4.07 करोड़ रुपये डालने थे. लेकिन पूरी प्लानिंग के साथ इन कर्मियों ने वर्ष 2019 के नौ से 15 दिसंबर के बीच चार करोड़ से अधिक राशि का गबन कर लिया था. इसके बाद आरोपित कर्मी फरार हो गए. नौ दिनों के भीतर 4,07,53,000 रुपये का गबन किया गया था. बीते 15 दिसंबर 2019 को जब कस्टोडियन गणेश ठाकुर और शिवम कुमार का नंबर बंद मिला, तब एसआइएस कैश सर्विसेज के कर्मियों को शक हुआ.इसके बाद एटीएम में डाली जाने वाली कैश का ऑडिट एसआइएस के अधिकारियों ने किया. तब पता चला कि बैंक की ओर से दिए गए रुपये के पूरी रकम को एटीएम में नहीं डाला गया है. इसके बाद कंपनी के ब्रांच इंचार्ज कंचन ओझा ने सदर थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी.
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कैश ट्रे का लॉक खोल कर किया फर्जीवाड़ा
फरार होने वाले कर्मी शातिर ढंग से रुपये उड़ा रहे थे.वे एटीएम में तय रकम फीड कर कोडिंग पासवर्ड के जरिए उसका कैश ट्रे का लॉक खोलते थे.कैश ट्रे में फीड की गई रकम की जगह उससे कम डालकर वापस लॉक कर देते थे. इससे फीड किए गए रकम की जानकारी एटीएम की सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर सिस्टम की वजह से बैंक को पूरी कैश डालने का मैसेज मिलता है. इसी में गबन का खेल करते हुए एसआइएस के दोनों कस्टोडियन (कर्मियों) ने रुपये उड़ा लिया.
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