Ranchi : निर्जला एकादशी का व्रत मंगलवार को श्रद्धाभाव से नेम-निष्ठा के साथ रखा जायेगा. सनातनी एकादशी तिथि को श्रीहरि उपासना के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हैं. लेकिन निर्जला एकादशी को और भी ज्यादा महत्व दिया जाता है. मान्यता है कि इस एकादशी में अगर नेम-निष्ठा से निर्जला व्रत करने पर पूरे साल के 24 एकादशी व्रत का फल एक बार में ही मिल जाता है. इतना ही नहीं निर्जला एकादशी का उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जीवन में सुख-समृद्धि और शांति कायम रहती है. साथ ही सारे पाप भी मिट जाते हैं. इसी भाव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकादशी उपवास कर श्रीविष्णु की आराधना में लिन रहते हैं.
मंदिरों में अभिषेक, श्रृंगार, पूजन और भजन का होगा खास आयोजन
एकादशी के दिन दान-पुण्य कर श्रद्धालु अपने इष्ट को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. एक दिन भी भूखा नहीं रहने वाले पांडव भीम ने भी इस व्रत को धारण किया था. इस कारण इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. एकादशी व्रत को लेकर मंदिरों में विशेष आराधना तो की ही जायेगी, साथ ही घरों में भी पूजा-अर्चना कर भगवान सत्यनारायण जी की कथा सुनी जायेगी. श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर तिरुपति बाला जी मंदिर और शहर के श्याम मंदिरों में अभिषेक, श्रृंगार, पूजन और भजन आदि का खास आयोजन किया जायेगा.
निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून को
निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून को किया जायेगा. आचार्य अजय मिश्रा ने पंचांगों की गणना कर बताया कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून सुबह 04:43 पर शुरू हो रही है. इसका समापन 18 जून सुबह 06:24 पर होगा. उदीया तिथि के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत मंगलवार और पारण बुधवार के दिन करना शास्त्रसम्मत होगा.