Hazaribagh: केरेडारी के एनटीपीसी की चट्टी बरियातू कोयला खनन परियोजना से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग से उत्पन्न प्रदूषण सहित अन्य कई मांगों को लेकर विस्थापित उग्र हैं. इसी क्रम में किसान बेरोजगार विस्थापित प्रभावित कल्याण समिति द्वारा शनिवार को जोरदाग रोड स्थित बड़का आम के समीप ट्रांसपोर्टिंग वाहनों को रोक दिया गया. इससे कोयले की ट्रांसपोर्टिंग का कार्य घंटों बाधित रहा. समिति के लोग प्रदूषण से प्रभावित भू-रैयतों को अविलंब भुगतान करने, ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर समय-समय पर पानी का छिड़काव करने, सड़क दुर्घटना होने पर मुआवजे की राशि का निर्धारण करने, ट्रांसपोर्टिंग में लगे वाहनों की गति सीमा तय करने, लबनिया मोड़ के समीप स्कूल के बाहर सुरक्षा गार्ड की तैनाती व पेटो पंचायत के प्रभावित रैयत किसान एवं विस्थापित परिवारों को रोजगार से जोड़ने की मांग को लेकर धरना पर बैठ गए.
भू-रैयतों की भावना के साथ किया जा रहा खिलवाड़
लोगों का कहना था कि ट्रांसपोर्टिंग कंपनी भू-रैयतों की भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है. पूर्व में हुई वार्ता के अनुसार तीन महीने के लिए ही पब्लिक सड़क से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की बात हुई थी, लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की वजह से प्रदूषण की समस्या बढ़ी है और सड़क दुर्घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. लोग असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं.
कंपनी के अधिकारियों को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा
समिति के लोगों ने कंपनी के अधिकारियों को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया पति व समाजसेवी गुरुदयाल साव व संचालन अरविन्द साव ने किया. मौके पर पेटो मुखिया कौशल्या देवी, सुनील कुमार साव, प्रदीप राम, चितरंजन प्रसाद, राजू साव,अवधेश कुमार यादव, बिनोद कुमार राम, द्वारिका साव, चरितर राम, मोहन साव, रोहन साव,अनिल कुमार, सुनील यादव, जनक कुमार, नकुल साव, रामचंद्र साव, राजेंद्र प्रसाद साहू, अरविंद साव, अकल साव, मदन साव, सुमित कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
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