IPS अफसरों को नए क्रिमिनल लॉ के बारे में दिया गया प्रशिक्षण
Ranchi : झारखंड पुलिस के आईपीएस अफसरों को ऑफलाइन माध्यम से नए क्रिमिनल लॉ के बारे में जानकारी दी गई. इसको लेकर शनिवार को अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय होटवार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नए क्रिमिनल लॉ के लागू होने के बाद, आपराधिक मामले में केस के आईओ को घटनास्थल पर जाना अनिवार्य होगा. घटनास्थल की फोटो लेने के साथ ही डिजिटल साक्ष्य भी जुटाना होगा, ताकि आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाया जा सके. गौरतलब है कि नए क्रिमिनल लॉ को लेकर बीते 18 जून को गृह सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. गृह सचिव ने एसपी और उसके ऊपर रैंक के अधिकारियों के लिए नए क्रिमिनल लॉ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था. उसी के आलोक में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में डीजीपी के अलावा सभी एसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी रैंक के अधिकारी शरीक हुए. जिले के एसपी अपने जूनियर अफसरों को नए क्रिमिनल लॉ के बारे में जानकारी देंगे
नए लॉ लागू होने के बाद यह होगा बदलाव
नया क्रिमिनल लॉ लागू होने के बाद कई बदलाव होंगे. हत्या की धारा को 302 के नाम से जाना जाता था, जिसकी जगह अब हत्या का मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 103 के तहत दर्ज होगा. इसी तरह हत्या के प्रयास के लिए धारा 307 की जगह धारा 109, मारपीट के लिए 323 की जगह 115, छेड़छाड़ के लिए 354बी की जगह 74, पीछा करने के लिए 354 की जगह 78, नाबालिग के अपहरण में धारा 363 की जगह 139 और दुष्कर्म मामले में धारा 376 की जगह 64 के तहत मामला दर्ज होगा.
एक जुलाई से लागू होंगे तीनों नए क्रिमिनल लॉ
केंद्र सरकार की अधिसूचना के आनुसार, तीनों नए क्रिमिनल लॉ एक जुलाई लागू हो जाएंगे. तीनों नए आपराधिक कानून आईपीसी और सीआरपीसी की जगह लेंगे. इनका नाम भारतीय न्याय संहिता होगा. तीनों नए कानूनों को दिसंबर में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिल गई थी. इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है. नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को बदलना है. इससे अंग्रेजों के जमाने के कानूनों से छुटकारा मिलेगा. BNS में राजद्रोह के अपराध को समाप्त कर देशद्रोह में बदल दिया गया है.
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