Saurav Singh
Ranchi : झारखंड पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी इन दिनों दुबई की सैर कर रहा है. जिसकी एक तस्वीर भी सामने आयी है. हम बात कर रहे हैं, जेल में बंद अपराधी अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह की, जिसकी गिरफ्तारी झारखंड समेत कई राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती है. सुनील मीणा मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घडसाना के नयी मंडी का रहने वाला है. सुनील लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विश्वस्त लोगों में रह चुका है. वर्क वीजा पर भारत से मलेशिया गया सुनील कुआलालमपुर में रहने के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस के संपर्क में आया और मलेशिया से ही अपराध की दुनिया में अपनी जड़े जमाने लगा. वह लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर राजस्थान और पंजाब के कई जिलों में हत्या, रंगदारी वसूली, फायरिंग जैसे घटनाओं को अंजाम दिलाने लगा. झारखंड पुलिस की एटीएस ने सुनील का पासपोर्ट रद्द करा दिया है और वह एटीएस के डीएसपी व एसआई साहू को गोली मारने से जुड़े मामले में वांछित है.
गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले अपराधी भागते थे नेपाल, अब भाग रहे दुबई-मलेशिया
आपने अक्सर सुना होगा कि झारखंड में जब भी पुलिस को किसी अपराधी की तलाश होती थी तो वह नेपाल भाग जाते हैं. लेकिन बदलते समय के साथ अपराधियों ने अपना नया ठिकाना चुन लिया है. अपराधी नेपाल के बजाय अब दुबई और मलेशिया को अपना नया ठिकाना बना रहे हैं. जहां एक तरफ धनबाद में गैंग्स ऑफ वासेपुर का आतंक है. प्रिंस खान इसी गैंग से ताल्लुक रखता है. धनबाद पुलिस के लिए अब यह बड़ी चुनौती बना हुआ है. झारखंड पुलिस की टीम इसे गिरफ्तार करने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अब यह जानकारी मिली है कि प्रिंस खान भारत से बाहर शारजाह (अमीरात) में बैठकर अपना गैंग ऑपरेट कर रहा है और वहीं से धनबाद में हत्या तक करवा रहा है. वहीं दूसरी तरफ अमन साहू के जेल में बंद होने के बावजूद उसके गिरोह की सक्रियता कम नहीं हुई है. अमन साहू जेल से ही अपने गिरोह को चला रहा है. जानकारी के मुताबिक, सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह इन दिनों मलेशिया में बैठकर एक के बाद एक अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है.
इंटरनेट से आई कॉल को ट्रेस करने में नाकाम रही पुलिस
झारखंड के अलग-अलग जिलों में इन दिनों अपराधी इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को फोन कर रंगदारी और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. इंटरनेट के जरिये किये जाने वाले कॉल में वर्चुअल नंबर का यूज किया जाता है. जिसे आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है. बिना सिम कार्ड के इस्तेमाल होने वाली कॉल को वर्चुअल कॉल कहा जाता है. इसके लिए मोबाइल की भी जरुरत नहीं होती है और न ही सिम कार्ड की. सिमकार्ड का इस्तेमाल न होने से पुलिस टावर लोकेशन सहित अन्य जानकारी ट्रेस करने में नाकाम रह जाती है.