Hazaribagh : जिले के बड़कागांव और केरेडारी इलाके में 25 जगहों से कोयले का अवैध खनन जारी है. बड़कागांव इलाके से कोंसी, तिलैया, सहेदा, चेलंगदाग, अंबा झरना, गोंदलपोखर, बादम, रुदी, बाबूपाड़ा, राउतपाड़ा, बलोदर, गाली, बेलवाटोगरी, चपरी, चनारो, लोहरसा, आंगो और चीरवा में अवैध कोयले का खनन हो रहा है. वहीं कोयला तस्कर केरेडारी थाना क्षेत्र से कोले, डुमरी, पंडरा, विजवा, कुआकरके और कंडाबेर स्थित कोयला खदानों से अवैध खनन कर रहे हैं. इस बार तो जिम्मेदारों ने एडवांस में ही अपनी कमाई वसूल ली है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि किसके संरक्षण में कोयले का अवैध खनन किया जा रहा है.
बड़कागांव से अवैध खनन कर बासाडीह स्थित डिपो में कोयला किया जाता डंप
बड़कागांव इलाके से हर दिन 40-50 ट्रैक्टर कोयला खनन कर निकाली जा रही है. इसके बाद इसे ट्रैक्टर में लोड कर बासाडीह स्थित कोयला डिपो में गिराया जाता है. इसके अलावा चरही कोयला साइडिंग से भी कोयला बासाडीह के डिपो में गिराया जाता है. फिर इसे ट्रक में लोडकर मंडी में भेजा जाता है. इस तरह अवैध कोयले का कारोबार रुक-रुककर या फिर एक-दो दिन रुककर जारी है. कोयले के इस कारोबार में सरफराज, ऋषि, इकरामुल, गोविंद, जाहिद, मुस्ताक, चंदन मोहसिन नाम के व्यक्तियों के शामिल होने की चर्चा है. हालांकि यह नाम असली है या नकली, इस बात पर संदेह है. कोयला का यह कारोबार पिछले 15 दिनों से जारी है. बताया तो यह भी जा रहा है कि कोयला तस्करों ने कोयला ढुलाई के लिए पुलिस प्रशासन से 12 चक्के ट्रक का पासिंग लिया है और 22 चक्के के टेलर से कोयला की ढुलाई कर रहे हैं. 12 चक्के ट्रक में 30 से 35 टन कोयला लोड होता है. जबकि 22 चक्के के टेलर में 60 से 65 टन कोयला लोड होता है.
केरेडारी इलाके से निकालकर रांची के आसपास के ईट भट्ठे में जाता है कोयला
केरेडारी इलाके से कोयले का अवैध खनन कर उरीमारी और पतरातु के रास्ते रांची के बुढ़मू और पिठोरिया इलाके के ईट भट्ठे में कोयला जाता है. इसके बाद बाइक और टर्बो ट्रक से कोयले की ढुलाई की जाती है.
व्यवस्था मैनेज कर अवैध कारोबार करने का दावा
सूत्रों की मानें तो अवैध कारोबारी पूरी व्यवस्था को मैनेज कर कारोबार कर रहे हैं. इसमें सच्चाई भी नजर आ रही है. क्योंकि कोयले का अवैध कारोबार धडल्ले से हो रहा है, पर इसको रोकने वाले मौन हैं. सूत्रों ने बताया कि पूरी रात तय स्थान पर अवैध कोयले का भंडारण होता है. रात में ही ट्रकों से कोयले को बाहर भेजा जाता है. इतनी गतिविधि होने के बाद भी किसी का ध्यान नहीं जाना ही कई गड़बड़ियों की ओर इशारा करता है. सूत्रों का कहना है कि पर्दे के पीछे रहकर बड़े खिलाड़ी खेल रहे हैं.
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