Patna : बिहार में बीते 13 दिनों के भीतर पुल ढहने की छह घटनाएं सामने आयीं. जिसके बाद बिहार सरकार ने पुल ढहने की घटनाओं की जांच के लिए मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति पुल ढहने के कारणों का पता लगायेगी और आवश्यक कदम उठाने के उपाय भी सुझायेगी. गठित समिति विशेष रूप से आरडब्ल्यूडी द्वारा बनाये जा रहे या बनाये जा चुके पुलों से संबंधित घटनाओं की जांच करेगी. इसके बाद दो से तीन दिनों के अंदर समिति सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. इस बात की जानकारी बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने दी.
पुल का गिरना गंभीर मसला, दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अशोक चौधरी ने बताया कि समिति को पुलों की नींव और संरचना के निर्माण में उपयोग की गयी सामग्री की गुणवत्ता सहित प्रत्येक विवरण की जांच करने का निर्देश दिया गया है. कहा कि पुल का गिरना एक गंभीर मामला है और जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि कुछ पुल चालू नहीं थे और उनमें से कुछ को मरम्मत की जरुरत थी. उन्होंने कहा कि 18 जून को बिहार के अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित 182 मीटर लंबे पुल का एक हिस्सा ढह गया. पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आरडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था. लेकिन कुछ निर्माण बाकी रहने के चलते इसे जनता के लिए नहीं खोला गया था.
चौधरी ने जीतन मांझी के बयान पर टिप्पणी करने से किया इनकार
अशोक चौधरी से जब केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी के बयान पर सवाल किया गया तो इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने 29 जून को कहा था कि राज्य में अचानक पुल ढहने की घटनाएं क्यों शुरू हो गयीहैं? लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे इसके पीछे किसी साजिश का संदेह है. अधिकारियों को इस पहलू पर भी गौर करना चाहिए.
ढहे अधिकांश पुल आरडब्ल्यूडी ने बनाये या बना रहे
बता दें कि बिहार में आये दिन पुल के गिरने का मामला सामने आ रहा है. सबसे पहले 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से बना पुल गिरा था. वहीं चार दिन बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल गिरा था. 23 जून को मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल भरभरा कर गिर गया था.इसके बाद 27 जून को बिहार के किशनगंज में कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना 70 मीटर लंबा पुल का पिलर अचानक ढह गया. वहीं 28 जून को मधुबनी में भी निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिर गया. वहीं एक जुलाई को किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में बूंद नदी पर बना पुल का पिलर तेज बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब एक से डेढ़ फीट धंस गया. बिहार में हाल के दिनों में ढहे अधिकांश पुल (निर्माणाधीन सहित) का निर्माण राज्य सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) द्वारा किया गया था या कराया जा रहा है.