NewDelhi : कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में मणिपुर के प्रति निष्ठुर व्यवहार दिखाया और कोई संवेदना नहीं जताई, जिसके कारण सदन में हंगामे की स्थिति बनी. पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि अगर मणिपुर संसदीय क्षेत्र के बाहर के सांसद को सदन में बोलने का मौका दिया जाता तो तो संसद से मणिपुर को लेकर एक अच्छा संदेश जा सकता था.
कांग्रेस और सहयोगी दलों के सांसदों ने पीएम के भाषण के दौरान नारेबाजी की
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर निचले सदन में लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जवाब दिये जाने से पहले कांग्रेस चाहती थी कि बाहरी मणिपुर संसदीय क्षेत्र से उसके सांसद अलफ्रेड आर्थर को बोलने की अनुमति मिले. आसन से अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस और सहयोगी दलों के सांसदों ने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान नारेबाजी की. गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, सदन के अंदर कल एक दुखद नजारा देखने को मिला.
प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की व्यथा सुनना ही नहीं चाहते
हमारी मांग थी और नेता विपक्ष राहुल गांधी जी ने इस बात को उठाया कि मणिपुर के दोनों सांसदों को अपनी बात रखनी चाहिए क्योंकि राहुल जी जानते थे कि अगर दोनों सांसदों को अपनी बात रखने का समान मौका नहीं मिलेगा तो सदन से मणिपुर के लोगों को एक गलत संदेश जायेगा. लेकिन अफसोस कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की व्यथा सुनना ही नहीं चाहते.
कांग्रेस सांसद ने दावा किया,प्रधानमंत्री मोदी ने दो घंटे भाषण दिया, वही पुरानी घिसी-पिटी बातें करते रहे, लेकिन मणिपुर पर कुछ नहीं बोला. कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दावा हैरान करने वाला है कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है क्योंकि वास्तविकता यह है कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.