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- झारखंड यूरोलाजी सोसाइटी का वार्षिक कांफ्रेंस
- मरीजों के स्वजन की परेशानी भी समझनी होगी
- सर्जरी में आए बदलाव पर हुई चर्चा
Jamshedpur (Sunil Pandey) : झारखंड यूरोलाजी सोसाइटी की ओर से शनिवार को गोलमुरी स्थित एक होटल में 5वां वार्षिक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें देशभर से यूरोलॉजी के एक्सपर्ट चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड में चिकित्सकों के सुरक्षा को लेकर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट (एमपीए) को लागू कराने और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को सरल बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई दिखेगी. चिकित्सकों के रिसर्च पर फोकस करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी चिकित्सकों को रिसर्च पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झारखंड में चिकित्सकों के प्रमोशन के लिए रिसर्च जरूरी कर दिया गया है. रांची रिम्स में 30 प्रतिशत समय चिकित्सक रिसर्च पर दे रहे हैं. रिसर्च आने वाली पीढ़ी के लिए दस्तावेज होगा.
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चिकित्सक भगवान का दुसरा रूप होते हैं
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व्यस्तता की वजह से कांफ्रेंस में विलंब से पहुंचे. हालांकि इस दौरान उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सक भगवान का दूसरे रूप होते हैं. बहुत ऐसे चिकित्सक हैं जो मरीज को छूते ही उसका 10 से 15 प्रतिशत रोग ठीक कर देते है. चूंकि, उनका आचार-विचार ही अलग होता जिसे आज की नई पीढ़ी को सीखना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मरीज जब अस्पताल पहुंचता है तो उस दौरान उनके स्वजन परेशान रहते हैं, कभी-कभार मानसिक संतुलन खो बैठते हैं लेकिन इस दौरान चिकित्सकों को समझना होगा कि उनका दर्जा एवं आम लोगों के बीच काफी अंतर है.
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वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने-अपने विचार साझा किए
दो दिवसीय सेमिनार के पहले दिन यूरो सर्जरी में आए बदलाव पर चर्चा हुई. जिसमें वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने-अपने विचार साझा किए. खासकर बगैर काटे की जाने वाली आरआइआरएस (रेट्रोग्रेड इंट्रा रेनल सर्जरी) विशेष लेजर सर्जरी पर चर्चा हुई. जिसमें पेशाब के रास्ते से बिना काट-छांट, बिना छेद, बिना खून का सफल आपरेशन संभव हो सका है. इस अवसर पर डा. संजय जौहरी, डा. चंपई सोरेन, डा. हरप्रीत सिंह, डा. अंशु अग्रवाल, डा. हिमांशु शेखर, डा. चंद्रमोहन, डा. पंजक, डा. अमित घोष सहित अन्य उपस्थित थे.
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