- भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए विधेयक पारित
- दोषी व्यक्ति को तीन से पांच साल की जेल, 10 लाख का जुर्माना
- एजेंसी ने की गड़बड़ी तो एक करोड़ का जुर्माना, 4 साल के लिए डिबार, संपत्ति की भी कुर्की जब्ती
- संगठित गिरोह के व्यक्ति दोषी तो 5 से 10 साल की सजा, एक करोड़ का जुर्माना लगेगा.
- डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे पेपर लीक मामले की जांच
Patna : बिहार विधानसभा में आज बुधवार को बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक पारित हो गया. बिहार सरकार ने राज्य में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से इस विधेयक को लाया है. बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस विधेयक को सदन में पेश किया. इसके बाद विपक्ष के वॉकआउट के बीच ध्वनि मत से विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक में पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. इसमें दोषी पाये जाने वाले को तीन से पांच साल तक की जेल होगी. साथ ही आरोपी को 10 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
एजेंसी ने की गड़बड़ी तो एक करोड़ का जुर्माना, 4 साल के लिए डिबार भी किया जायेगा
मालूम हो कि सरकार नियुक्ति या नामांकन के लिए अलग-अलग एजेंसियां नियुक्त करती है. इन एजेंसी पर प्रश्न पत्र छापने से लेकर परीक्षा संचालित करने का जिम्मा होता है. अगर परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी या सर्विस प्रोवाइडर ने गड़बड़ी की तो उन पर एक करोड़ का जुर्माना लगेगा. साथ ही उसे 4 साल के लिए डिबार कर दिया जायेगा. यानी उस एजेंसी या सर्विस प्रोवाइडर को कोई दूसरा सरकारी काम नहीं दिया जायेगा. इतना ही नहीं एजेंसी की संपत्ति की कुर्की जब्ती भी हो सकती है. वहीं एजेंसी में बड़े पद पर पदस्थापित व्यक्ति की संलिप्तता पाये जाने पर उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अगर किसी संगठित गिरोह ने पेपर लीक की घटना को अंजाम दिया है तो ऐसे मामले में दोषी व्यक्ति को 5 से 10 साल की सजा के साथ साथ एक करोड़ का जुर्माना लगेगा. सरकार के नये कानून के मुताबिक, अब पेपर लीक मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.
कुकृत्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए लाया गया कड़ा कानून
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार की ओर से विधेयक पेश करते हुए कहा कि राज्य में पिछले कई दिनों से सरकारी नौकरियों समेत दूसरी परीक्षाओं में गड़बड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं. पेपर लीक जैसे अपराध को लेकर पहले कोई कड़ा कानून नहीं था. सजा भी कम थी और उसका अनुपालन नहीं हो रहा था. ऐसे में सरकार ने कड़ा कानून बनाया है, ताकि कोई भी पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियां करने का कुकृत्य ना कर पाये. बता दें कि ‘राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक’ (नीट-यूजी) 2024 प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर बिहार हाल में काफी सुर्खियों में रहा है.
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