Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा जंगल में सक्रिय भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ दो मोर्चे पर कोबरा एवं सीआरपीएफ के जवान लडा़ई लड़ रहे हैं. पहला तो सीधे नक्सलियों के खिलाफ और दूसरा मलेरिया मच्छरों से. मच्छर इन जवानों के लिये सबसे ज्यादा परेशानी बने हुए हैं. सारंडा के घने जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के क्रम में 25 जुलाई को ही कोबरा बटालियन के उप समादेष्टा समेत सीआरपीएफ के चार जवान मलेरिया से गंभीर रूप से पीड़ित हो गये. सभी को सेल अस्पताल किरीबुरु में भर्ती कराया गया है. वहां डॉ. पीआर सिंह के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम इलाज कर रही है.
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ऑपरेशन में शामिल विभिन्न बटालियन के कोई न कोई जवान पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन मलेरिया से ग्रसित हो रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि वर्षा के दौरान सारंडा जंगल में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. यह जवान दिन-रात घने जंगलों व झाड़ियों के बीच से नया रास्ता बनाकर नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं, ताकि नक्सलियों से सारंडा को मुक्त कर यहां शांति बहाल किया जा सके. जंगल में जवानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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हालांकि अन्य परेशानियां व चुनौतियों को झेलने में ये माहिर व प्रशिक्षित हैं, लेकिन मलेरिया मच्छर से बचाव कर पाना इनके लिये मुश्किल हो रहा है. सारंडा पहले से ही मलेरिया का कोर जोन रहा है. नक्सली सारंडा के मच्छरों के बीच रहकर आदी हो चुके हैं. जंगल में जवान मच्छरदानी लगाकर नहीं चल सकते हैं.
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