Ranchi : रांची जिला में वन धन विकास केंद्रों के क्रियान्वयन के लिए मंगलवार को डीसी छवि रंजन ने जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक की. बैठक में स्वयं सहायता समूह का गठन, स्वीकृत और संचालित वन धन विकास केंद्र की समीक्षा की गई. डीसी ने डीपीएम जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) को वन धन विकास केन्द्र के महिला किसानों को इमली और लाह के वैल्यू एडिशन के लिए ट्रेनिंग करवाने का निर्देश दिया. ट्रेनिंग से इमली से बने उत्पादों को ट्राइफेड के सहयोग से बेचा जा सके. डीसी ने डीपीएम को महिला किसानों को ट्रेनिंग कराने के लिए संस्था का चयन कर समय-समय पर ट्रेनिंग दिलवाने का निर्देश दिया.
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क्या है वन-धन विकास योजना
वन धन विकास केंद्र, मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल वेलफेयर, भारत सरकार की परियोजना है. रांची जिला में वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक वन धन विकास केन्द्र बुंडू प्रखंड के लिटिनडीह ग्राम में शुरू हुआ था. फिलहाल यहां 302 महिलाओं का समूह है, जिसमें 60 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी महिलाएं काम कर रहीं है.
वन धन विकास केंद्र मूल रूप से एनटीएफपी (नॉन टिम्बर फॉरेस्ट प्रोड्यूस) पर आधारित है. बुण्डू में इमली और लाह पर काम हो रहा है. रांची जिला में नामकुम, इटकी, लापुंग, ओरमांझी, सिल्ली, राहे, सोनाहातू, तमाड़ और अनगड़ा में वीडीवीके बनाने का प्रस्ताव है. इस कार्य में सर्वे का काम जारी है. बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी रांची, परियोजना निदेशक आईटीडीए, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, परियोजना कार्यक्रम पदाधिकारी जेएसएलपीएस, वरीय प्रोग्राम कार्यपालक ट्राईफेड रांची और प्रज्ञा केंद्र के प्रतिनिधि शामिल रहे.