Ranchi: जमीन माफिया ने पुलिस के साथ मिलीभगत कर झूठा केस में डॉक्टर को जेल भेजवाने का काम किया. यह आरोप रांची के हिनू के गांधी नगर कॉलोनी में रहने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुबोध कुमार ने जगन्नाथपुर थाना की पुलिस पर लगाया है. डॉक्टर सुबोध ने बताया कि इन्होंने 27 अप्रैल 2018 को पटेल नगर, हटिया में अपनी कंपनी सुकृति अस्पताल और आरसीपीएल के लिए जमीन और भवन रजिस्टर्ड पट्टे पर लिया था. इसमें एक सौ बेड का अस्पताल और उपकरण में करोड़ों रुपये खर्च किए. इसके बाद कथित जमीन मालिकों ने आवश्यक दस्तावेज (जमीन कागजात, नगर निगम द्वारा प्राधिकृत भवन नक्शा, बिल्डिंग कम्पलीशन और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) नहीं दिया. जिसका मुख्य कारण यह था कि जमीन का गैरमजरूआ था. जिससे कारण अस्पताल संचालन में नहीं हो सका.
झूठा केस कर भेजवा दिया जेल
डॉक्टर सुबोध ने कहा कि इस मामले के बाद मेरे द्वारा जगन्नाथपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया. जिसे कथित तौर पर जमीन माफिया और पुलिस की मिलीभगत से सिविल प्रकृति में बदल कर बंद कर दिया गया. इसके बाद सविता श्रीवास्तव के द्वारा जगरनाथपुर थाना में डॉक्टर के खिलाफ झुठा एफआईआर कांड संख्या 230/19 दर्ज कराया गया. जिसमें छेड़छाड़, पांच हजार रुपया और सोना चेन छिनतई का झुठा आरोप लगाया. जो आज तक लंबित है. इसके बाद पुलिस द्वारा बिना सही जांच किए 10 दिसंबर 2019 को डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. सुनियोजित प्लानिंग के तहत साज़िश खिलाफ रचकर डॉक्टर जेल भेज दिया गया और इन माफिया को सुरक्षित आज तक पुलिस द्वारा रखा गया है, क्योंकि ये लाखों में पुलिस की पॉकेट गरम करते रहते हैं.
10-15 गुंडों द्वारा अभद्र व्यवहार और गाली गलौज किया गया
डॉक्टर सुबोध ने बताया कि 23 दिसंबर 2019 को, जमानत पर रिहा होने के बाद अस्पताल परिसर में कथित तौर पर 10-15 गुंडों द्वारा अभद्र व्यवहार और गाली गलौज कर सभी नर्सों को अस्पताल से बहार निकाल दिया गया और ताला लगा दिया गया. जिस कारण से एक और एफआईआर 39/2020 मेरे द्वारा जगन्नाथपुर थाना में दर्ज किया गया. किन्तु आज तक प्लानिंग के तहत यह केस लंबित रखी हुई है और माफिया और पुलिस की मिलीभगत से इसे झूठा करार करने की साज़िश रची जा रही है. दशकों से इन माफियाओं को पुलिस और प्रसाशन की संरक्षण मिली हुई है और हम शिक्षित शरीफ लोग जो समाज के लिए उपयोगी हैं, दबाये और कुचले जा रहें हैं. इस स्थिति ने मेरे पेशेवर काम और आर्थिक एवं मानसिक स्तिथि को काफी प्रभावित किया है. जिससे दयनीय स्थिति में आ गया हूं.
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