Simdega : अब कुम्हारों के दिन अच्छे होने वाले है. आधुनिक तकनीक से बिखरेगी माटी की कला. मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए अब तक कुम्हार परंपरागत चाक का उपयोग करते आ रहे हैं. अब सरकारी स्तर पर उनको समृद्ध बनाने की कवायद की जा रही है. जिससे उनका कार्य आसान हो जाएगा और अधिक उत्पादन कर समृद्ध कुम्हार समृदृध होंगे.
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उधोग विभाग 90 प्रतिशत अनुदान पर देगी इलेक्ट्रॉनिक चाक
मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए अब कुम्हारों को परंपरागत भारीभरकम चाक का उपयोग करने की जरूरत नहीं है. अब उधोग विभाग द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान पर इलेक्ट्रॉनिक चाक उपलब्ध करा सरकारी स्तर पर उनको समृद्ध बनाने की कवायद की जा रही है. उनका कार्य आसान हो और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन हो इसके लिए विशेष प्रकार के चाक उपलब्ध कराए जाएंगे. यह चाक इलेक्ट्रॉनिक होगा. इसे चलाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी.
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किसी भी बर्तन को बनाने में अधिक समय लगता है
बता दें कि अब तक कुम्हारे परंपरागत चाक से काम करते है. जिसे किसी भी बर्तन को बनाने में उन्हे अधिक समय लगता है. और कई बार तो एक ही बर्तन बनाने में पूरा दिन निकल जाता है. जिसे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. काफी मेहनत करने के बाद भी उन्हे अधिक पैसे नहीं मिल पाते है. अगर उन्हे इलेक्ट्रॉनिक चाक मिल जायेगी तो वो कम समय में ज्यादा उत्पादन कर पायेंगे. और लोगों को भी कम कीमत में सामान उपलब्ध हो पायेगा.