Ranchi: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 41वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को ऑनलाइन आयोजित किया गया जिसमें लगभग ढाई सौ लोग जुड़े थे. इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में विशिष्ट प्रदर्शन करने वाले लगभग डेढ़ सौ वैज्ञानिकों, कर्मियों और छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. कृषि महाविद्यालय सभागार में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी सीमित संख्या में ऑफलाइन भी एकत्र हुए थे. इस मौके पर डॉ सोहन राम को बेस्ट साइंटिस्ट का अवार्ड दिया गया.
भविष्य डिजिटल शिक्षण एवं सूचनाओं का: डॉ आरसी अग्रवाल
विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डॉ आरसी अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 ने चुनौतियों के साथ-साथ अवसर भी पैदा किए हैं. आने वाला समय डिजिटल सूचनाओं और शिक्षण का होगा जिसके लिए शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को मानसिक और तकनीकी रूप से दक्ष होना होगा.
डिजिटल शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए आईसीआर ने 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा की किसी भी संस्थान के लिए स्थापना दिवस अपनी विगत उपलब्धियों पर गौरव करने का अवसर तो है ही, उसके साथ ही भविष्य की चुनौतियां और रोडमैप के अनुरूप अपने आपको तैयार करने की दुरुस्त योजना बनाने का भी है. पूर्व में कुछ कमियां रह गईं तो उनसे सीख लेने का भी अवसर है.
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बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने संबोधन में कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान 18 छात्र-छात्राओं ने जेआरएफ और एसआरएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की. साथ ही 10 छात्र-छात्राओं ने देश-दुनिया के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाया. इस अवधि में विभिन्न नियमित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुल 542 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया.
विद्यार्थियों के नियमित नियोजन के लिए उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र के साथ सतत सुदृढ़ संपर्क स्थापित करने का निर्देश विवि के परामर्श एवं प्लेसमेंट सेल से जुड़े लोगों को दिया. कुलपति ने कहा की विभिन्न फसलों के नौ उन्नत प्रभेदों को जारी करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. अनुमति मिलते ही बड़े पैमाने पर इनके बीज उत्पादन का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.