New Delhi : यूपी के मदरसों को संवैधानिक मान्यता मिल गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए मदरसों को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर दी. जान लें कि हाई कोर्ट ने मदरसों पर 2004 में बने यूपी सरकार के कानून को असंवैधानिक बताया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हाई कोर्ट के इस फैसले को खारिज कर दिया.
Supreme Court upholds constitutional validity of ‘Uttar Pradesh Board of Madrasa Education Act 2004
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— ANI Digital (@ani_digital) November 5, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था
जानकारी के अनुसार अंजुम कादरी की मुख्य याचिका के अलावा आठ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहसे हाई कोर्ट ने 22 मार्च को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम-2004 को ‘संवैधानिक कहा था. इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाला करार दिया था.
याद करें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को राज्य के अलग-अलग मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करने का निर्देश दिया था. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम-2004 को रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश पर पांच अप्रैल को अंतरिम रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लगभग 17 लाख मदरसा छात्रों को राहत मिल गयी है.