Ranchi: रिवर व्यू प्रोजेक्ट के जरिये जुमार नदी की सरकारी भूमि अतिक्रमित करने में प्रोजेक्ट के संचालक कमलेश के साथ कांके के तत्कालीन अंचल अधिकारी अनिल कुमार और अंचल निरीक्षक की भी संलिप्तता थी. इस पूरे मामले में 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद दर्ज हुई पीई की जांच में कांके अंचल के तत्कालीन पदाधिकारियों की संलिप्तता की जानकारी मिली है. अब एसीबी इस मामले में कांके थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए एफआईआर दर्ज कर सकती है.
लगातार ने किया था सरकारी जमीन की लूट का खुलासा
गौरतलब है कि लगातार डॉट इन ने रिवर व्यू प्रोजेक्ट में सरकारी जमीन हड़पे जाने का खुलासा किया था. इस प्रोजेक्ट में आदिवासी और गैरमजरूआ जमीन के साथ साथ बिरसा कृषि विवि एवं नदी की जमीन भी बेचने के लिए प्रशासन पुलिस और जमीन कारोबारियों की साठगांठ का खुलासा लगातार ने किया था. अब तक रिवर व्यू प्रोजेक्ट को मदद ककने के कारण कांके के तत्कालीन सीओ और कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं, लेकिन प्रोजेक्ट के संचालक कमलेश के गिरेबान तक अब तक कानून के हाथ नहीं पहुंच सके हैं.
एफआइआर के बाद भी छुट्टा घूम रहा कमलेश
बता दें कि कांके के नगड़ी मौजा में जुमार नदी के किनारे को समतल करके उसे बेचेने की तैयारी की जा रही थी. 14 अलग-अलग प्लॉटों की लगभग 20 एकड़ से ज्यादा भूमि को भी बेचने की कोशिश चल रही थी. भूमाफिया और अफसरों के गठजोड़ से जिस जमीन को बेचने की तैयारी थी, उसमें ज्यादातर बकास्त भुइंहरी, गैरमजरुआ मालिक, बीएयू अर्जित और गैरमजरुआ भुइंहरी पहनाई प्रकृति की जमीन है. अब तक इस मामले में प्रोजेक्ट के संचालक कमलेश कुमार के खिलाफ दो-दो एफआईआर दर्ज करवाई गयी है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ अंचल के अधिकारियों के खिलाफ ही हुई है. कमलेश पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से दूर फिर से कांके इलाके में सक्रिय है.
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