Chulbul
Ranchi: रांची कलेक्टेरियट में अगर किसी दफ्तर के बाहर सबसे ज्यादा भीड़ दिखे, तो यकीनन वह आपूर्ति कार्यालय होगा. यहां रोजाना नया राशन कार्ड बनवाने, पुराने कार्ड में सुधार कराने और नया नाम जुड़वाने लोग आते हैं. कई लोग तो नया कार्ड बनवाने के लिए दो साल से दौड़ रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका कार्ड नहीं बना है.
बता दें कि रांची जिला में फिलहाल गुलाबी (PH) कार्ड और पीला कार्ड (AAY) नहीं बनाया जा रहा है. ये दोनों कार्ड पात्रता पूरी करनेवाले लाभुकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिये जाते हैं. इन कार्ड के नहीं बनने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में हरा कार्ड बनाया जा रहा है. रांची समाहरणालय में फिलहाल केवल ग्रीन कार्ड से जुड़े काम किये जा रहे हैं. अगर आपको गुलाबी (PH) कार्ड बनवाना है, तो उसके लिए भी फिलहाल आपको ग्रीन कार्ड ही बनवाना पड़ेगा.
इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री ने प्रॉमिस हेल्थ केयर हॉस्पिटल में एडवांस मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट का किया उद्घाटन
रांची जिला में पीएच कार्ड के 19,86,076 स्थान खाली
विभाग का कहना है कि सरकार ने आदेश दिया है कि कुछ समय बाद ग्रीन कार्ड को ही पीएच कार्ड में बदल दिया जायेगा. ग्रीन कार्डधारियों में से केंद्र सरकार के टारगेट के अनुसार पात्र लोगों को पीएच कार्ड के लिए चयनित किया जाएगा. और उसी अनुसार पीएच कार्ड बनवाया जायेगा. फिलहाल रांची जिला में पीएच कार्ड के लिए 19,86,076 स्थान खाली है.
जिले में किस कार्ड से कितने लोगों को मिल रहा लाभ
रांची जिला में फिलहाल 3,66,532 परिवारों के पास पीएच कार्ड है. इसके तहत 15,04,202 लोगों को कार्ड से केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है. वहीं अंत्योदय कार्ड (एएवाई कार्ड) के तहत जिला में कुल 1,03,870 परिवारों को जोड़ा गया है. इसमें से कुल 3,98,221 लोगों को लाभ दिया जा रहा है. वहीं राज्य सरकार के ग्रीन कार्ड से 46,778 परिवार जुड़े हैं. इससे 1,16,414 लोगों को लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार के सफेद कार्ड से 33,400 परिवार जुड़े हैं.
किस कार्ड की क्या है मान्यता-
- गुलाबी कार्ड (पीएच कार्ड)– कार्ड के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलो के हिसाब से खाद्यान्न दिया जाता है. इससे जुड़े लोगों को आयुष्मान भारत और पेंशन योजना का भी लाभ मिलता है
- अंत्योदय कार्ड (एएवाई कार्ड) – यह कार्ड सबसे गरीब तबके के लोगों के लिए बनाया जाता है. इस कार्ड पर एक परिवार को 35 किलो राशन दिया जाता है. इसके तहत लोगों को आयुष्मान भारत और पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है.
- ग्रीन कार्ड– राज्य सरकार के इस कार्ड के तहत परिवार को पांच किलो राशन दिया जाता है.
पीला कार्ड बनना बंद, लाल के लिए पहले बनवाना पड़ेगा ग्रीन- डीएसओ
जिला आपूर्ति पदाधिकारी मो शब्बीर अहमद का कहना है कि पीला कार्ड बनना बंद हो गया है. लाल कार्ड अगर बन भी रहा है, तो सीधे नहीं बन रहा है. पहले ग्रीन कार्ड बन रहा है. ग्रीन कार्ड में टारगेट को देखते हुए कितने आवेदनों की जगह है, उसके अनुसार ग्रीन कार्ड को लाल कार्ड में बदला जा रहा है.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में आबादी के अनुसार लाभुकों का प्रतिशत तय कर रखा है. उसमें अगर रिक्ति होती है, तो मृत्यु, नये आवेदकों को जोड़ा जाता है.