Latehar: गारू प्रखंड के पीरी गांव के गनइखांड़ टोला में बीते दिनों सुरक्षाबलों के द्वारा मारे गए ग्रामीण ब्रम्हदेव सिंह की पत्नी जीरामनी देवी ने गारू थाने में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है. दिये गये आवेदन में ब्रम्हदेव सिंह की मौत की जिम्मेदार सुरक्षाबलों को बताया है. आपने आवेदन में जीरामनी देवी ने दोषी सुरक्षा कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से गांव वालों पर पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार से दबाव बनाया जा रहा था, कि प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सके. जीरामनी देवी का आवेदन पुलिस ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि खबर लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
सुरक्षाबलों पर गोली मारकर हत्या का आरोप
12 जून को गारू प्रखंड के पीरी गांव निवासी ब्रह्मदेव सिंह की मौत सुरक्षाबलों की फायरिंग के दौरान हो गई थी. जब ब्रह्मदेव सिंह गांव में हो रहे सरहुल त्यौहार के परंपरा के अनुसार पारंपरिक हथियार के साथ अन्य 7 ग्रामीणों के साथ शिकार पर निकले हुए थे. इसी दौरान कुछ दूरी पर तैनात सुरक्षाबलों की नजर उनपर पड़ी.
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सुरक्षाबलों के द्वारा उन्हें उग्रवादी समझ फायरिंग शुरू कर दी गई. जिसे देखते हुए पांच व्यक्ति वहां से भागकर पास के घर में छुप गए और एक दिनानाथ सिंह पेड़ के पीछे छुप गया. ब्रह्मदेव सरेंडर करने को लेकर अपने हाथों को ऊपर उठा दिया, लेकिन सुरक्षाबलों के द्वारा इसे अनदेखी करते हुए उसके पैर पर गोली मारी गई.
जब गोली चलने की आवाज आयी तो ग्रामीण और उसकी मां मालती देवी बीच बचाव के लिए आकर सुरक्षाबलों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी. बोलीं कि यह मेरा बेटा है, यह उग्रवादी नहीं है, इसे छोड़ दीजिए. आरोप है कि सुरक्षा बल के जवानों ने इसकी एक भी ना सुनी, और ब्रह्मदेव को उठाकर उसी गांव के ही पास के नाले के पार ले जाकर तीन गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई.