Ranchi: झारखंड के युवाओं में हेमंत सरकार के प्रति निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है. छठी जेपीएसपी के अभ्यर्थी लगातार परीक्षा को पूर्ण रूप से रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस क्रम में आज मोरहाबादी स्थित बाबू वाटिका के समक्ष अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. साथ ही छठी जेपीएससी को पूर्ण रूप से रद्द करने की मांग की है.
बता दें कि छठी जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों को हाईकोर्ट ने 7 जून 2021 को अवैध घोषित कर दिया था. साथ ही जेपीएससी के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई का भी आदेश दिया था.
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लेकिन राज्य सरकार ने अबतक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की है. अभी तक उन अवैध रूप से चयनित अधिकारियों को पद मुक्त नहीं किया गया है, और न ही दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई की गई है. अभ्यर्थियों ने जेएससीसी के वर्तमान चेयरमैन सुधीर त्रिपाठी तत्कालीन छठी जेपीएससी के चेयरमैन को तत्काल पद से हटाने की भी मांग की है.
जेपीएससी अभ्यार्थियों की बैठक में राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाई गई. बैठक में सभी 24 जिलों में बारी-बारी से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने पर सहमति बनी.
जल्द बने स्थानीय, नियोजन नीति
एक ओर जहां अभ्यर्थियों ने छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग की. वहीं सातवीं जेपीएससी में सुधार को लेकर सरकार से पुरजोर गुहार लगाई. साथ ही 5 वर्षों से लंबित नियुक्तियों को यथशीघ्र निस्तारित करने की भी मांग की.
मौके पर अभ्यार्थियों ने नई स्थानीय नीति व नियोजन नीति बनाने की मांग की. अभ्यर्थियों ने कहा कि किसी भी हालत में नई बहाली के पहले नई नियोजन नीति बननी चाहिए. साथ ही साथ लंबित नियुक्तियों, जो 5 वर्षों से पूरी नहीं हो पाई है उसे यथाशीघ्र निस्पादित की जाये.