Ranchi: हूल दिवस पर आजसू केंद्रीय कार्यालय में संताल हूल के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. अमर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो व अन्य वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि हूल दिवस अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक है.
आज ही के दिन 1855 में झारखंड के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था, और करीब चार सौ गांवों के पचास हजार से अधिक लोगों ने भोगनाडीह गांव पहुंचकर जंग का एलान कर दिया था.‘‘अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ों’’ की गूंज पूरे देश में गूंजने लगी थी. इस क्रांति में कितने शहीद हुए और अगणित बलिदानों के बाद अंततः भारत आजाद हुआ.
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चिंतन और मंथन का दिन
देवशरण भगत ने कहा कि आज का दिन चिंतन और मंथन का दिन है. आज का दिन उन अनगिनत बलिदानों को स्मरण करने और उनके संघर्षों को याद करने का है. उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी एक क्रांतिकारी पार्टी है, और हमें एक बार फिर से इतिहास बनाना है. हमें एकजुट होकर स्वराज के सपने को साकार करना होगा. जहां सभी को रोजगार मिलेगा. जहां हमारे जल, जंगल, जमीन महफूज रहें.
कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत, आजसू पार्टी महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिंहा, आजसू छात्र संघ अध्यक्ष गौतम सिंह, बंटी यादव, वीरेंद्र सिंह, कृष्णा सिंह, जब्बार हुसैन, ओम वर्मा, ज्योत्स्ना केरकेट्टा, अजित कुमार, सरोज कुमार गुप्ता, मोती राम महतो, नीतीश सिंह, राहुल तिवारी, अभिषेक शुक्ला, दीपक दुबे, पंकज तिवारी, जमाल गद्दी, दीपक साहु, संतोष कुमार साहु मुख्य रुप से उपस्थित थे.