Anand Kumar
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों अभिषेक कुमार दुबे, अमित सिंह और निवारण कुमार महतो को गिरफ्तार किया है. यह भी पता चल गया है कि झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इन तीनों के साथ दिल्ली गये थे और वहां भाजपा के एक बड़े नेता से उनकी मुलाकात करायी गयी थी. इन विधायकों को पेशगी में एक-एक करोड़ रुपये देने की पेशकश की गयी थी, लेकिन कथित रूप से रुपये नहीं मिले तो ये विधायक नाराज होकर रांची लौट आये. इस पूरे प्रकरण में महाराष्ट्र के तीन लोगों के नाम आ रहे हैं. ये नाम हैं- चंद्रशेखर बावनकुले, चरणसिंह और जयकुमार बलखेड़े. हम आज इन तीनों की असलियत आपके सामने लाने वाले हैं. यह खबर पढ़ कर आप यह भी जान जायेंगे कि कौन है वो बड़ा नेता जिससे दिल्ली में विधायकों की मुलाकात करायी गयी थी.
चंद्रशेखर बावनकुले भ्रष्टाचार के आरोप, शराब की होम डिलीवरी से चर्चा में आये
बावनकुले भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. महाराष्ट्र भाजपा के महासचिव हैं. महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र से आते हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के करीबी बताये जाते हैं और उन्हीं की सिफारिश पर देवेंद्र फड़नवीस की सरकार में ऊर्जा के साथ-साथ आबकारी यानी शराब का मंत्रालय संभाल चुके हैं. यह अलग बात है कि मंत्री होने के बावजूद बावनकुले को 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला, बावनकुले का नाम कोराडी औष्णिक विद्युत संयंत्र परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में प्रमाण पत्रों में हेरफेर करके परिजनों को नौकरी दिलाने और मंत्रिपद का दुरुपयोग करते हुए अपने भाई नंदकिशोर बावनकुले की कंपनी जगदंबा कंस्ट्रक्शन्स को करीब 16 करोड़ के रोड के ठेके दिलाने के मामले में आ चुका है. चंद्रशेखर बावनकुले शराब की ऑनलाइन बिक्री को महाराष्ट्र के शराब उद्योग के लिए ‘गेम चेंजर’ बताने और शराब की होम डिलिवरी योजना लाकर काफी चर्चा हासिल कर चुके हैं.
चरण सिंह काटोल से चुनाव हारे, एसीबी में भ्रष्टाचार का मामला चल रहा
चरण सिंह का पूरा नाम चरणसिंह बाबूलालजी ठाकुर है. 2019 में भाजपा के टिकट पर नागपुर लोकसभा क्षेत्र की काटोल विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि वह एनसीपी उम्मीदवार के हाथों चुनाव हार गये थे. पेशे से खुद को किसान बतानेवाले चरणसिंह काटोल नगर परिषद के अध्यक्ष हैं और इस दौरान उनके खिलाफ गलत तरीके से धन इकट्ठा करने का गंभीर आरोप लगा था. महाराष्ट्र एसीबी के एसपी ने शिकायत की स्वतंत्र जांच की और एसीबी महानिदेशक को रिपोर्ट भेजी. रिपोर्ट की पुष्टि के बाद महानिदेशक ने 28 फरवरी 2020 को मामले की खुली जांच के निर्देश दिये. नागपुर के हाल के चर्चित मामलों में से एक यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.
जयकुमार बेलखेड़े आर्मी पेपर लीक में दो बार जा चुका है जेल, बावनकुले का भांजा
जय कुमार बेलखेड़े आर्मी पेपर लीक कराने का मास्टरमाइंड है. 2014 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उसे सेना भर्ती पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. जमानत मिलने के बाद भी उसका धंधा बदस्तूर जारी रहा और ठाणे पुलिस ने दोबारा उसे 2017 में 21 अन्य लोगों के साथ सनसनीखेज आर्मी रिक्रूटमेंट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया. बेलखेड़े नागपुर के काटोल में टैंगो चार्ली एकेडमी भी चलाता है. गिरफ्तार अभिषेक दुबे ने अपने इकबालिया बयान में सीआरपीएफ के इस पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट जयकुमार बेलखेड़े को पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का भांजा बताया है.
इस पूरे प्रकरण में कुछ बातें कॉमन हैं. चंद्रशेखर बावनकुले, चरण सिंह और जयकुमार बेलखेड़े का संबंध नागपुर और काटोल से है. तो कहीं दिल्ली में जिस बड़े नेता से झारखंड के इन तीन विधायकों को मिलवाया गया था, उनका ताल्लुक भी कहीं नागपुर से तो नहीं है.
अब यह जांच का विषय है कि क्या वाकई नागपुर के ये तीन लोग भाजपा के एक बड़े नेता से मुलाकात करा कर इन विधायकों के जरिये सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे? हालांकि झारखंड पुलिस मामले की जांच कर रही है और पूरी संभावना है कि वह इसकी तह तक पहुंच जायेगी.
रिपोर्ट अच्छी लगी। आगे अपडेट करने की जरूरत है
पुलिस कितना दूर तक जांच का सफर तय करती है यह देखने वाली बात होगी। लेकिन अब तक सीधे तौर पर यह बात सामने नहीं आया की पैसा कौन देने वाला था। मात्र तीन विधायकों के पासा पलटने क्या सरकार गिर सकती थी । वगैरह-वगैरह