Ranchi : ऑटो किराया निर्धारण को लेकर गत 22 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. लेकिन बैठक में लिया गया निर्णय अब हवा-हवाई साबित हो रही है. ऑटो संगठनों से लेकर प्रशासन तक इसे लागू करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे. दोनों पक्ष मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं ऑटो चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. बैठक के एक महीना बीत जाने के बाद भी ऑटो किराया निर्धारण का चार्ट अब तक लागू नहीं हुआ है. बैठक में लिए अन्य निर्णयों में से एक भी लागू नहीं हुआ.
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ऑटो महासंघ और प्रशासन एक दूसरे पर मढ़ रहे दोष
अब ऑटो महासंघ और प्रशासन इसके लिए एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि वाहनों में किराया चार्ट लगाने का काम ऑटो महासंघ और चालकों का है, जबकि झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ ने कहा है कि आरटीए इसके लिए स्वयं जिम्मेवार है. वह अपने स्तर से लोगों को तैनात कर विभिन्न रूटों के वाहनों पर किराया चार्ट लगाये. महासंघ के पास इस कार्य के लिए संसाधन और आदमी नहीं है कि इस काम को पूरा किया जा सके. महासंघ ने यह भी कहा है कि बैठक के बाद प्रशासन से किराया चार्ट भी अब तक नहीं मिल पाया है. जबकि आरटीए सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि चार्ट सभी संगठन और यात्री संघ प्रतिनिधियों को सौंप दिया गया है. इससे मामला फंसता नजर आ रहा है.
हालांकि आरटीए सचिव निरंजन कुमार ने कहा है कि किराया चार्ट लगाने को लेकर प्रशासन सख्ती करेगा. इसके लिए यातायात पुलिस को जिम्मेवारी सौंपी जायेगी, लेकिन उनके इस कथन के पांच दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अभी तक इस मामले को लेकर भी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है. इससे ऑटो चालकों की चांदी हो गयी है.
क्या कहते हैं ऑटो चालक संगठन के प्रतिनिधि
झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के संस्थापक व अध्यक्ष दिनेश सोनी कहते हैं कि आरटीए सचिव ने अबतक किराया चार्ट की सूची उनके संगठन को नहीं दी है. ऐसी स्थिति में महासंघ अब नये सिरे से ऑटो चालकों और मालिकों की बैठक कर नये सिरे से विभिन्न रूटों का किराया तय करेगा. जो किराया तय होगा, उसकी प्रति यातायात पुलिस को सौंपकर वाहनों में लगाया जायेगा.
छोटानागपुर टैक्सी और टेंपो चालक संघ के अध्यक्ष शमीम अख्तर ने कहा कि डीजल ऑटो चालक अभी भी बढ़ा हुआ किराया ले रहे हैं. इसलिए केवल पेट्रोल ऑटो के चार रूटों में निर्धारित नया किराया लेने का कोई औचित्य नजर नहीं आता. वहीं, झारखंड यात्री संघ के अध्यक्ष प्रेम मित्तल का कहना है कि आरटीए सचिव के निर्देश पर जो भाड़ा तय हुआ है, उसे हर हाल में लागू किया जाना चाहिए. प्रशासन सख्ती कर इसे लागू करवाये.