Katihar : बिहार के कटिहार में एक ऐसा गांव है जहां हिंदू मुहर्रम मनाते हैं. हसनगंज प्रखंड के मोहम्मदिया हरिपुर गांव के हिंदू समुदाय के लोग पूरी श्रद्धा से मुहर्रम मनाते हैं. लोगों ने बताया कि उनके पूर्वज छेदी साह और वकाली मियां की गहरी दोस्ती थी. जब वकाली मियां मोहम्मदिया हरिपुर गांव छोड़कर जा रहे थे. तब इनके मित्र छेदी साह काफी दुखी थी. और छेदी साह ने वकाली मियां से वादा किया की वो हर साल गांव के मजार पर मोहर्रम मनायेंगे. जिसके बाद से मोहर्रम मनाया जाने लगा. कई साल बीतने के बावजूद पीढ़ी दर पीढ़ी आज भी इस गांव के लोग मुहर्रम मनाते हैं.
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इस गांव में एक अनोखा सौहार्द झलकता है
बता दें कि मोहम्मदिया हरिपुर गांव में मुहर्रम मनाने वाले शत-प्रतिशत लोग हिंदू समुदाय से हैं. पूर्व प्रमुख मनोज मंडल कहते हैं कि इस गांव में एक अनोखा सौहार्द झलकता है. जहां एक मित्र से किये वादे को निभाने के लिए आज भी कैसे पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इसे कायम रखे हुए हैं. गांव के लोग एक अनोखी मिसाल पेश कर रहे है.
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पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपरा आज तक चल रही
इस गांव में हिंदूओं की एक बड़ी आबादी निवास करती है. और रोजा भी रखती है. पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार ताजिया का जुलूस निकालती है. जिसमें दोनों समुदायों के लोगों शामिल होते है. इमाम हुसैन के जयकारे के साथ जुलूस निकाला जाता है. दोनों समुदाय के लोग सामूहिक रूप से करतब दिखाते हैं. यहां झरनी गाते हुए फातिया पढ़ा जाता है और मजार पर चादरपोशी भी की जाती है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होती हैं. पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपरा आज दोनों समुदायों की एकता की मिसाल है.
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