Basant Munda
Ranchi: धनतेरस के दो दिन बाद दिवाली मनाई जाएगी. दिवाली के लिए कुम्हार रंगबिरंगे दीये बनाने में जुटे हुए हैं. इस बार अलग-अलग वेराईटी के दीए, घर की सजावटी सामग्री, आकर्षक लाइटें बाजार मे उतारी गई हैं, जो लोगों को काफी आकर्षक कर रही हैं. वहीं इस बार दिवाली को खास बनाने के लिए दुकानदारों ने पानी से जलने वाली दीये बाजार में उतारे हैं, जो तेज बारिश औऱ हवा में भी नहीं बुझेगा. पुरानी रांची के योगेंद्र प्रजापति और सतीश प्नजापति ने बताया कि इस बार दिवाली में 60-70 हजार दीये बनाये हैं. पिछली बार की तुलना में दस हजार ज्यादा दीये बनाये थे. दिवाली पर्व को देखते हुए कोलकाता, बंगाल से भी मिट्टी से बने जरूरी सामान मंगाये हैं. इसमें घर की दीवारों को सजाने के लिए मिट्टी का मुखौटा, कछुआ, कैंडल स्टैंड, गुलदस्ते भी लाए हैं. इसके साथ ही बंगाल से कलश स्थापना वाले दीए भी मंगाए हैं. इसमे स्टैंड, थाली में सात दीए, कलश औऱ नारियल से बने हुए दीये भी शामिल हैं.
राजस्थान के लादू बकरिया ने बताया कि धुर्वा रोड मे पिछले 25 साल से धनतेरस औऱ दिवाली में उपयोग होने वाले सजावटी सामान बेच रहे हैं. ये दरवाजे के दोनों ओर सजाए जाते हैं. दरवाजे के ऊपर बंदनवार का उपयोग करते हैं. इसके साथ ही रूम के अंदर के लिए घंटा भी लाए हैं. इसमे छोटी-छोटी पांच घंटी औऱ बीच मे लकड़ी से बने गणेश भगवान को प्रदर्शित किया गया है. जो लोगों को अपनी ओर आकर्षिक कर रहा है. इस कारोबार में 12-15 परिवार शामिल हैं. रोड किनारे ही दुकानें लगाते हैं. दर्जनों स्थानों पर चमचामते बंदनवार, झालर, घंटा सड़क किनारे बेचते हैं. डेली मार्केट के एटूजेड के सैयद हसन ने बताया कि धनतेरस औऱ दिवाली मे पानी से जलने वाले दीए दिल्ली, कोलकाता से मंगाए हैं.जो प्रति दीए 12 रुपए में ग्राहक खरीद रहे हैं. एक पैकेट मे छह दीए रहते हैं. इसमे पानी डालने पर ही जलता, जो आंधी पानी में भी नही बुझता है. इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता है.
बाजार में बिकनेवाले दीये की कीमत
कलश वाले दीये- 250 रुपए
सबसे छोटे दीये- एक रुपए
कलरफुल दीये- 35 रुपए पीस
टेराकोटा दीये- 2 रुपए
बड़े दीये-19 रुपए पीस
घरकुंदा-200-250 रुपए
पानी वाले दीये- 12 रुपए
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