By Shri Ram Shaw
New Delhi : राहे अमल में जज्बए, कामिल हो जिनके साथ, खुद उनको ढूंढ लेती है मंजिल कभी कभी. ऐसे दौर में जब समूचा विश्व कोरोना जैसी महामारी से पार पाने के लिए संघर्षरत है, टीआईईटी, पटियाला में तृतीय वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 20 वर्षीय छात्र अभिषेक अग्रहरी ने प्रतिकूल परिस्थितियों को मात देते हुए अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शोध से जुड़ी कई रिसर्च इंटर्नशिप हासिल की है. इतना ही नहीं, उन्हें आईआईटी जैसे भारत के उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थानों से भी जुड़ने का मौका मिला है.
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लॉकडाउन और कोरोना संकटकाल के बीच भी अपनी रिसर्च में जुटे रहे अभिषेक अग्रहरी को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड इंग्लैंड, सीएनआरएस फ्रांस, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका, इलिनाय विश्वविद्यालय अमेरिका, टेक्नीसीक यूनिवर्सिट म्यूनिख जर्मनी, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बीजिंग कम्प्यूटेशनल साइंसेज रिसर्च सेंटर, चीन, शंघाई जिया टोंग विश्वविद्यालय, चीन, ग्यांगसांग राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया, एडिलेड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलियन स्कूल ऑफ पेट्रोलियम साइंसेज, यूनिवर्सिडाड पोलिटेकिनिका डी मैड्रिड, स्पेन, हेरियट-वॉट यूनीवेरिस्टी, एडिनबर्ग लिथुआनियाई ऊर्जा संस्थान, और एकक्टे-इंस्टीट्यूटो यूनिवर्सिटारियो डे लिस्बोआ, लिस्बन से रिसर्च इंटर्नशिप के ऑफर हैं.
गैस टरबाइन इंजन पर DRDO के साथ किया काम
अभिषेक ने गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के साथ काम किया है. आईआईटी बॉम्बे में फ्लूड स्ट्रक्चर इंटरेक्शन पर और आईआईटी कानपुर में तरल पदार्थ की गतिशीलता पर काम किया है. उनके पास वर्तमान में आईआईटी, खड़गपुर, आईआईटी इंदौर और आईआईटी मद्रास से भी ऑफर है। उनके पास फिलहाल आफर्स की संख्या उनके उम्र से भी अधिक है जो उनकी प्रतिभा का परिचायक है.
नई दिल्ली में मयूर विहार फेज 3 में रहने वाले अभिषेक अग्रहरी ने कहा कि गैर आईआईटीयन होने के कारण ये इंटर्नशिप आफर हासिल करना इतना आसान नहीं रहा. इसके लिए प्रतिभा के साथ साथ सम्बंधित विषय के बारे में व्यापक ज्ञान का होना बेहद जरूरी है. इसके लिए कई दौर के टेस्ट व इंटरव्यू के दौर से गुजरना पडता है. पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही प्रोफेसर आपको अपने लैब में आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं. कभी कभी प्रोफेसर और संबंधित संस्थान सभी खर्चों को वहन करते हैं, लेकिन कभी कभी ऐसा नहीं भी होता है.
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अपनी रूचि के विषय के बारे में अभिषेक ने बताया कि मैं द्रव यांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों के अनुसंधान विशेष रूप से द्रव संरचना इंटरएक्शन सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत, गतिज समीकरण और मॉडल जैसे बोल्ट्जमान समीकरण, तरल पदार्थ गतिज युग्मित मॉडल, गणितीय सामान्य सापेक्षता के अलावा ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों और गेज सिद्धांत के अचानक गुरुत्वाकर्षण पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण में सक्रिय रहा हूं.
अग्रहरी ने कहा कि मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रायोजकों की तलाश कर रहा हूं क्योंकि मैं एक ऐसे परिवार से हूं जो बहुत ही गरीबी के दौर से गुजर रहा है. मेरे पिता एक निजी फर्म में काम कर रहे थे, लेकिन अब वह कई महीनों से बेरोजगार हैं.
अभिषेक ने कहा कि मैं अभी अमेरिका में होता, लेकिन कोरोना के कारण नहीं जा सका. इस कोरोना ने मुझे मेरे मिशन में एक अस्थायी झटका दिया है, लेकिन मैंने सभी निराशा और हताशा को दूर करते हुए नए जोश के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.