Satya Sharan Mishra
Ranchi : जुलाई महीने में प्रदेश भाजपा के पास सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की कमी नहीं रही. ईडी सीएम के विधायक प्रतिनिधि से होते हुए प्रेस सलाहकार तक पहुंच गई. उधर कांग्रेस के तीन विधायक पश्चिम बंगाल में पैसों के साथ पकड़े गये. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी रही. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और डॉ अजय कुमार के बयान पर भाजपा ने सड़क से सदन तक आवाज बुलंद की. जुलाई महीने के 31 दिन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कौन-कौन से 35 बड़े बयान दिये, पढ़िये.
दीपक प्रकाश ने जुलाई महीने में क्या-क्या कहा
31 जुलाई- जहां-जहां कांग्रेस की मिली-जुली सरकार है वहां पैसों की बरसात हो रही है.
28 जुलाई- बंगाल और झारखंड सरकार ने सत्ता को सिर्फ और सिर्फ लूट-खसोट का माध्यम बना लिया है.
27 जुलाई- द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस के द्वारा दिया गया बयान देश की नारी शक्ति का अपमान है.
26 जुलाई- जनता से अनगिनत झूठे वादे कर कुर्सी लेने के बाद अब मुख्यमंत्री सवालों से भागने की तैयारी में जुटे हैं.
25 जुलाई- JSSC JE परीक्षा घोटाले में छोटी मछलियों को पकड़ मामले को रफा-दफा किया जा रहा है. 15 से 20 लाख में एक सीट बेचने वाले सफेदपोशों को पकड़ने के लिए मामले की सिर्फ CBI से ही जांच हो.
23 जुलाई- हेमंत सरकार अपने वादे के अनुसार एक साल में 5 लाख नौकरी तो दे नहीं पाई, लेकिन लगता है 5 लाख रुपए में नौकरी बेचने का काम जरूर कर रही है.
23 जुलाई- नामकुम में एक महिला की डायन बिसाही के नाम पर हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को इन मामलों में सख्ती दिखाने की जरूरत है.
22 जुलाई- मुख्यमंत्री आज कल राज्य में घूम-घूमकर सरकारी खर्चे पर झूठ बोलने का काम रहे. देश की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन बेहतर होता थोड़ा राज्य की परिस्थिति पर भी बोलते.
21 जुलाई- राज्य की बेटी संध्या टोपनो की मौत नहीं हत्या हुई है, जो राज्य सरकार के संरक्षित लोगों की मिलीभगत के बिना संभव बिल्कुल नहीं है.
19 जुलाई- जब कानून का डंडा चलता है तो बड़े-बड़े घोटालेबाज और माफिया कांपने लगते हैं. मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि जो किसी से डरते नहीं थे अब गिरफ्तारी के बाद थर-थर कांप रहे हैं.
16 जुलाई- यशवंत सिन्हा का कांग्रेस मंच से लोकतंत्र की बात करना अशोभनीय है.
15 जुलाई- कांग्रेस हमेशा से आदिवासी समाज की शोषक रही है. एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बने यह कांग्रेस नेताओं से हजम नही हो रहा.
8 जुलाई– भाजपा जनता की पार्टी है और जेएमएम झारखंड माइनिंग माफिया पार्टी है, जो सिर्फ माफियाओं की सेवा तक सीमित रह गयी है.
5 जुलाई- खूंटी SDM सैय्यद रियाज अहमद पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज होना पूरे राज्य के लिए बेहद शर्मनाक बात है. मामले में न्यायिक जांच और स्पीडी ट्रायल के साथ विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए.
2 जुलाई– मुख्यमंत्री जी के चहेते विधायक प्रतिनिधि के अवैध पत्थर खनन को लेकर एक और शिकायत दर्ज हुई है. अब तो लग रहा है की ये लोग मिलकर अवैध कारनामों का इतिहास बनाने में लगे हैं.
बाबूलाल मरांडी के जुलाई में दिये गये बयान
31 जुलाई- अपने विधायकों के मोटी रकम साथ पकड़े जाने पर कांग्रेस ने अपने पाप छुपाने के लिये एक झूठा एफआईआर कर भाजपा को बदनाम करने का षड्यंत्र किया है.
31 जुलाई- अपने प्रतिनिधि और प्रेस सलाहकार पर कार्रवाई पर हेमंत का मौन व्रत सवालों के घेरे में है. किसी ने सच कहा है-“मैंने बेवजह बोलते सुना है लोगों को, बेवजह कोई ख़ामोश नहीं होता”
30 जुलाई- भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी इस सरकार का हरेक घटक राज्य को अंदर से खोखला करने में जुटा है.
29 जुलाई- द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी के निम्न स्तर के बयान की जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. मामले में सोनिया गांधी की चुप्पी समझ से परे है.
25 जुलाई- झारखंड सरकार दारोगा संध्या टोपनो की हत्या के मामले को रफा-दफा करने का काम बड़ी चतुराई से योजना बनाकर कर रही है.
24 जुलाई- परिवारवाद से ग्रस्त पार्टियों द्वारा हमेशा एक “पॉलिटिकल नैरेटिव” बनाया जाता है, जिसमें वंशवाद से उपजे नेताओं को “मसीहा”बताया जाता है. एक धारणा बनायी जाती है कि उस मसीहा के अलावा कोई भी सत्ता में बैठने के काबिल नहीं है. उदाहरण के तौर पर JMM द्वारा आज का ट्रेंड- “हेमंत नहीं तो कौन?”
22 जुलाई- झारखंड के प्रशासनिक व्यवस्था का आलम यह है कि पिछले 20-22 दिनों से प्रधान मुख्य वन संरक्षक का पद खाली है, लेकिन मुख्यमंत्री के पास शायद ऐसी जरूरी चीजों पर निर्णय लेने के लिये समय ही नहीं है.
21 जुलाई- गलत इंट्री और जिओ टैगिंग नहीं होने के कारण वर्ष 2022 में राज्य के लाभुकों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा. जिले स्तर पर लाभुकों के चयन में व्यापक हेराफेरी हुई है.
19 जुलाई- आज स्वयं मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि भी पकड़े गए. अब मुख्यमंत्री जी इनके कारनामों से अनजान होंगे ये कौन और कैसे यकीन करेगा?
16 जुलाई- झारखंड में कक्षा 8 के छात्रों को साईकल देने की योजना सरकारी उदासीनता के कारण पिछले 2 वर्षों से लटकी पड़ी है.
11 जुलाई- झारखंड में शिक्षा के स्तर का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 320 स्कूलों में कॉमर्स के एक भी विद्यार्थी नहीं है, लेकिन 289 शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी है.
5 जुलाई- खूंटी में एसडीएम सैय्यद रियाज अहमद पर मध्यप्रदेश से शैक्षणिक कार्य से आयी एक छात्रा के साथ शराब के नशे में यौन उत्पीड़न का मामला बेहद शर्मनाक है. इस शर्मनाक मामले की न्यायिक जांच, स्पीडी ट्रायल करायी जाए.
4 जुलाई- गढ़वा ज़िले के एक स्कूल में वहां के लोगों ने हाथ जोड़ कर प्रार्थना पद्धति को इसलिए दवाब देकर बंद करवा दिया कि उनकी आबादी वहां 75 प्रतिशत है. सरकारी स्कूलों में ऐसा करने की छूट दी गई तो जहां जिस धर्म, मजहब के लोग अधिक संख्या में होंगे वे अपने हिसाब से सबकुछ तय करने लगेंगे.
जुलाई में रघुवर दास के दिये गये बयान
28 जुलाई- अबुआ राज के नाम पर राजनिति करने वाली सरकार में आदिवासी समाज का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है, क्योंकि हिम्मत वाली सरकार है. अपराधियों को संरक्षण देने वाली सरकार है.
27 जुलाई- कांग्रेस आदिवासियों से घृणा करती रही है. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही कांग्रेसी नेता आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं.
25 जुलाई- कुछ लोग झूठ ही स्वीकार करते हैं, झूठ ही दूसरों को देते हैं, झूठ का ही भोजन करते हैं व झूठ ही चबाते हैं. बेरोजगार युवकों के साथ छल करने वाली हेमंत सरकार पर यह लाइनें सटीक बैठती है.
24 जुलाई- भ्रष्टाचार-अक्षमता हेमंत सरकार की पहचान है. जेएसएससी जेई परीक्षा में घोटाले के प्रमाण सामने आ चुके हैं. घोटाला ऊंचे स्तर पर सांठगांठ के बिना संभव नहीं है. मामले की सीबीआई जांच हो.
20 जुलाई– झारखंड की एक और बेटी हिम्मतवाले अपराधियों की शिकार हो गई. रूपा तिर्की मामले की तरह संध्या टोपनो की हत्या भी कहीं रहस्य बन कर न रह जाए. मामले की सीबीआई जांच हो.
14 जुलाई- जेएमएम के द्वारा NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का स्वागत है, लेकिन यह घोषणा उनकी उम्मीदवारी के साथ ही की जाती तो अलग संदेश जाता.
13 जुलाई- कांग्रेस हमेशा से आदिवासी, दलित, पिछड़ा, महिला विरोधी रही है. एक गरीब, आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर जाने से रोकने के लिए कांग्रेस व उसके सहयोगी दल सारा जतन कर रहे हैं.