- वाटर एंड एयर पॉल्युशन एक्ट के तहत 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपए जुर्माना का है प्रावधान
- इन्हें लेना है एनओसी : 35 सीटर होटल, 1 कमरे का भी रेसिडेंशियल होटल, 10 गुना 10 वर्गफीट का मैरेज या बैंक्वेट हॉल
Adityapur (Sanjeev Mehta) : कोल्हान के रेस्टोरेंट, होटल संचालक और मैरेज हॉल के संचालकों पर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद वाटर एंड एयर पॉल्युशन एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. इसके तहत पर्यावरणीय एनओसी लेने वाले संचालकों पर5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपए के जुर्माना लगाया जा सकता है. बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के द्वारा 3-3 बार नोटिस देने के बावजूद पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने में रुचि नहीं नहीं दिखाने को लेकर अब पर्षद सख्त रवैया अपनाने का निर्णय लिया है.
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पर्षद ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रहा है जो अब तक तेसरी नोटिस मिलने के बावजूद पर्यावरणीय एनओसी नहीं लिए हैं. जानकारी देते हुए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अब इन्हें चौथी बार नोटिस भेजा जा रहा है. इसके बाद इनके विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कोल्हान के रेस्टोरेंट, होटल संचालक और मैरेज हॉल के संचालकों से पर्षद द्वारा मई 2022 से ही पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने को कहा जा रहा है, लेकिन वे इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
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तीन बार नोटिस भेजने के बावजूद निराशा के भाव को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अब चौथी और अंतिम री-माइंडर नोटिस भेजते हुए इनके विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि अब तक स्थापना समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लेने वाले कोल्हान के तीनों जिले के रेस्टोरेंट, होटल संचालक और मैरेज हॉल के संचालकों को 3 नोटिस भेजा जा चुका है. अब उन्हें आखिरी री-माइंडर नोटिस भेजी जा रही है. उन्हें नोटिस भेजकर एक औऱ मौका दी जा रही है, अन्यथा जनवरी 2024 से ऐसे रेस्टोरेंट जो 35 सीटर है और एक कमरे का भी रेसिडेंशियल होटल है और उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थापना समिति से अनुमति नहीं लेने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ उनसे जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी.
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क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अगर किसी का रेस्टोरेंट 35 सीटर है और एक कमरे का भी रेसिडेंशियल होटल है तो वैसे संचालक को प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थापना समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि कोल्हान के तीनों जिले के होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हॉल संचालकों को मई 2022 से ही इसके प्रति जागरूक करते हुए उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. लेकिन अब तक कोल्हान के मात्र 35 लोगों ने ही अनापत्ति प्रमाण पत्र ली है. जबकि इनकी संख्या 5000 के करीब है. अब सभी रेस्टोरेंट, होटल संचालक के साथ मैरेज हॉल आदि के संचालक को री-माइंडर नोटिस के साथ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है. ऐसे लोगों के विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण पर्षद वाटर एंड एयर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जीतेंद्र कुमार सिंह ने बताते हैं कि यह विडंबना है कि अब तक कोल्हान के महज 35 रेस्टोरेंट, होटल, मैरेज हॉल और बैंक्वेट हॉल संचालकों ने स्थापना समिति से अनुमति ली है. जबकि तीनों जिले में इसकी संख्या 5000 से ज्यादा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार उन्हें री-माइंडर भेजा जा रहा है.
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अगर नोटिस के बावजूद स्थापना समिति से सीटीई और सीटीओ प्रमाण पत्र नहीं लेते हैं उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि वाटर एंड एयर पॉल्युशन एक्ट के तहत इसके दोषी पाए जाने वाले लोगों को 5 साल तक की कैद और 1 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है. जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में सजा 5 साल से बढ़कर 7 साल हो सकती है. उन्होंने बताया कि इनके द्वारा पॉल्यूटेड वाटर, चूल्हा जलाने, डीजी सेट के इस्तेमाल करने, वेस्टेज खाद्य पदार्थों का जेनरेशन किया जाता है जो वाटर औऱ एयर पॉल्युशन के दायरे में आता है. अतः इन्हें प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की स्थापना समिति को आवेदन देकर प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है.