Dhanbad: मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का रिवाज है. पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. एक-दूसरे की पतंग काटने की होड़ में लोग चीनी मांझे वाले धागे का इस्तेमाल करते हैं. ये धागे बेहद मजबूत लेकिन खतरनाक होते हैं. देश के कई इलाकों में इन धागों की चपेट में आकर पक्षियों के मरने और इंसानों तथा पशुओं के गंभीर रूप से घायल होने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वर्ष 2016 में चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह धागा कांच के छोटे टुकड़ों से लेपित होता है, जो अक्सर घातक हादसों का कारण बनता है. एनजीटी ने पतंग उड़ाने के लिए अदालत से सिर्फ सूती धागे व प्राकृतिक फाइबर वाले धागों की अनुमति प्रदान की है.
रांगाटांड़ और पुराना बाजार में चला अभियान
धनबाद के बाजारों में चाइनीज धागों की बिक्री की सूचना पर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कई जगह छापेमारी अभियान चला कर चाइनीज धागों को जब्त किया. एसडीएम सुरेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में रांगाटांड़ और पुराना बाजार में कई दुकानों से चाइनीज धागे जब्त किये गये. सामाजिक संगठन हर साल दुकानदारों और लोगों से चाइनीज मांझा वाले धागे का प्रयोग नहीं करने की अपील करते हैं, लेकिन शहर के कई दुकानदार अब भी खुलेआम चाइनीज मांझा वाले धागे बेच रहे हैं.
2016 में एनजीटी ने लगाया था प्रतिबंध
वर्ष 2016 में दिये अपने आदेश में राष्ट्रीय हरित पैनल ने साफ किया था कि प्रतिबंध का आदेश नायलॉन, चाइनीज और सीसायुक्त सूती मांझे पर लागू होगा. पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किये जानेवाले नायलॉन और अन्य सिंथेटिक पदार्थों अथवा सिंथेटिक पदार्थ, जिनका रासायनिक विघटन जैविक तरीके से करना संभव नहीं हो, से बने मांझे या धागे पर पूर्ण प्रतिबंध होगा.
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