जातीय गोलबंदी पर टिका है जीत-हार का समीकरण
Giridih : गिरिडीह अधिवक्ता संघ का चुनाव जातीय गोलबंदी पर टिका हुआ है. अधिवक्ता संघ के चुनाव में जीत हासिल करने को उम्मीदवार जातिगत जुगाड़ भिड़ा रहे हैं. विदित हो कि अधिवक्ता संघ के प्राय: सभी चुनावों में जातिगत फैक्टर काम करता रहा है. अगड़ी पिछड़ी के अलावा जातिगत समीकरण सभी उम्मीदवारों के लिए खास फैक्टर बन गया है. जानकारी के अनुसार यहां सर्वाधिक मतदाताओं की संख्या कायस्थ, ओबीसी, भूमिहार, मुस्लिम व ब्राह्मणों की है. यहां यह भी सच है कि सभी के निशाने पर कायस्थ उम्मीदवार रहते हैं, पर साझीदार भी इसी समूह के साथ बनना चाहते हैं. विदित हो कि अधिवक्ता संघ चुनाव 2023 – 25 में कायस्थ मतदाताओं की संख्या 291, पिछड़े वर्ग की 225, भूमिहार के 118, ब्राह्मणों के 91, अल्पसंख्यकों के 78, एससी-एसटी के 27, मारवाड़ी के 18, बंगाली समुदाय के 12, राजपूत के 5 मतदाता हैं, इसके अलावा अन्य जातियों के वोटर हैं. फिलहाल कुल 902 मतदाताओं में अगड़ों की संख्या 500 से अधिक है. पर अगड़ों में 1-1 पदों के कई उम्मीदवार हैं. यही हाल पिछड़ों की है.
15 अगस्त के बाद साफ हो जाएगा चुनावी समीकरण
मिली जानकारी के अनुसार मतदान से पहले समाज के सीनियर अधिवक्ताओं की पहल के बाद अलग-अलग समाज के अधिवक्ताओं की बैठकों का दौर जारी है. ऐसी बैठक में यह तय किया जा रहा है किसे समर्थन करना है. ऐसी बैठकों पर उम्मीदवार की पैनी निगाहें हैं. कार्यकारिणी सदस्यों के उम्मीदवार भी इसमें पीछे नहीं है. नामांकन के साथ ही कोर्ट के अलावा घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियान भी जारी है. सूत्र की मानें तो स्वतंत्रता दिवस के बाद चुनाव में जातीय गठबंधन साफ हो जाएगा. वही अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवार अगड़ी जाति से हैं. अब कौन किसके साथ जाएगा, इसका भी निर्णय दो-चार दिनों में हो जाएगा. यहां काबिले गौर है कि चुनाव परिणाम से पूर्व हार-जीत की तस्वीर लगभग साफ हो जाती है.
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