LagatarDesk : सोने के गहनों पर हॉलमार्क रहने से उसकी शुद्धता आसानी से की जा सकती है. देशभर में ज्वेलर्स आज यानी 23 अगस्त को सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग की यूनीक आईडी (HUID) को लेकर विरोध कर रहे हैं. ज्वेलर्स एक दिन के हड़ताल पर हैं. ज्वेलर्स का कहना है कि हॉलमार्क तो ठीक है. लेकिन HUID को वो लोग स्वीकार नहीं करेंगे. आपको बता दें केंद्र सरकार ने 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाले सोने पर हॉलमार्किंग अनिवार्य की है. ताकि ग्राहकों को ठगा ना जा सके और उन्हें शुद्ध सोना मिल सके. जब सरकार ने इसको अनिवार्य किया था तो ज्वेलर्स ने इसका स्वागत किया था. लेकिन उनकी मांग थी कि उन्हें बिना हॉलमार्क वाले गहने बेचने के लिए भी समय दिया जाये.
हर गहने पर यूनिक आईडी डालना है काफी मुश्किल
हॉलमार्किंग का विरोध तब शुरू हुआ जब खुदरा विक्रेताओं के लिए हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (HUID) को अनिवार्य कर दिया गया. एचयूआईडी हॉलमार्क वाले सोने के हर प्रोडक्ट के लिए छह अंकों का एक कोड होता है. इसे यूनिक आईडेंटिटी नंबर कहते हैं. ज्वैलर्स का कहना है कि प्रत्येक ज्वेलरी पर यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर डालना कारोबारियों के लिए बहुत कठिन है.
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ग्राहक की निजता पड़ सकती है खतरे में
ज्वेलर्स के मुताबिक, अब वो जब भी जितने भी ज्वेलरी पीस बेचेंगे, उनको हर पीस की HUID डिटेल और यह किसको बेचा गया, सभी जानकारी BIS के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. ज्वेलर्स का कहना है कि इससे ज्वेलर्स की तो ट्रैकिंग होगी ही साथ ही कस्टमर की भी ट्रैकिंग होगी जिससे ग्राहक की निजता खतरे में पड़ सकती है. क्योंकि नयी प्रणाली में ग्राहकों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करनी होती है. इसलिए सरकार इस नियम को वापस ले.
सरकार ने धोखाधड़ी रोकने के लिए लागू किया हॉलमार्किंग
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोने की ज्वेलरी पर बीआईएस हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया था. ताकि सोने की खरीदारी में धोखाधड़ी को रोका जा सके. यह नया नियम 15 जून से लागू हो गया है. इसमें ज्वैलर्स का कोड और गहने की पहचान का डिटेल होगा. इससे यह पता चल पायेगा कि ज्वेलरी कब और कहां से खरीदी गयी है. साथ ही गहने की पहचान हो सकेगी और यह भी पता चल जायेगा कि गहने को किसने और कहां से खरीदा है.
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नियमों का पालन नहीं करने पर जेल या जुर्माना
केंद्र सरकार ने कहा कि सभी सोना व्यापारियों को बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों को पूरा करना होगा. यदि कोई व्यापारी इन मानकों को पूरा नहीं करता तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उस पर बीआईएस एक्ट, 2016 के सेक्शन 29 के तहत एक साल तक की जेल या 1 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
देश के 256 जिलों में है हॉलमार्क सेंटर
वर्तमान में देश के 256 जिलों में हॉलमार्क सेंटर हैं. जबकि यूआईडी डालने के लिए हर जिले में 10 हॉलमार्क सेंटर की जरूरत है. हॉलमार्क सेंटर की कमी होने के कारण 16-18 करोड़ गोल्ड ज्वेलरी बिना हॉलमार्किंग के हैं.
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