LagatarDesk : देश की इकोनॉमी को लेकर बुरी खबर है. दो रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है. बता दें कि S&P Global रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया. इससे पहले एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि भारत की जीडीपी 11 फीसदी की दर से बढ़ेगी.
लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों में आयी कमी
S&P ने चेतावनी दी है कि कोरोना महामारी से जुड़े जोखिम अभी खत्म नहीं हुए हैं. भारत को आगे भी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है. एजेंसी ने अनुमान घटाने का कारण बताया कि अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों ने लॉकडाउन लगाये हैं. इससे देश की आर्थिक गतिविधियों में कमी आयी है.
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निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में अगले कुछ सालों तक ग्रोथ संभव नहीं
S&P Global ने कहा कि कोरोना काल में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बैलेंस शीट को काफी नुकसान हुआ है. यह अगले कुछ वर्षों तक इसमें वृद्धि संभव नहीं है. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी 7.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी.
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मूडीज ने ग्रोथ का अनुमान घटाकर 9.6 फीसदी किया
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भी बुधवार को 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को घटा दिया है. मूडीज का अनुमान है कि भारत की जीडीपी 9.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी. इससे पहले एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि भारत की जीडीपी 13.9 फीसदी की दर से ग्रो करेगी. मूडीज ने कहा कि कोरोना वायरस की वापसी से 2021 में भारत के वृद्धि पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है. हालांकि यह संभावना है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा.
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कोरोना महामारी का खतरा फिलहाल टला नहीं
S&P ने कहा कि महामारी को लेकर आगे भी खतरा बना हुआ है. अभी तक करीब 15 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन की पहली खुराक मिली है. हालांकि अब वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी आने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की कमी आयी थी. इससे पहले 2019-20 में देश की जीडीपी चार फीसदी की दर से बढ़ी थी.