Ranchi/ Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की एसएलपी को ख़ारिज करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर बर्खास्त किए गए 42 अभ्यर्थियों को नौकरी में पुनः बहाल करने का आदेश दिया है. देश की शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद वर्ष 2012 में नियुक्त किये जाने के बाद बर्खास्त किये गए 42 दारोगा, कंपनी कमांडर व सार्जेंट मेजर को बड़ी राहत मिली है. और इनकी नियुक्ति का रास्ता अब पूरी तरह साफ़ हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नागेश्वर राओ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में राज्यसरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता तपेश सिंह ने पक्ष रखा. जबकि अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता पारिजात कुमार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा.
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42 अभ्यर्थियों को बर्खास्त किया गया था
दरअसल वर्ष 2008 में राज्य सरकार ने 384 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था.जिसके बाद इस विज्ञापन के आधार पर नियुक्त किये गए 42 अभ्यर्थियों को यह करते हुए बर्खास्त किया गया था. मेरिट लिस्ट बनने में गड़बड़ी हुई है. बर्खास्त किये गए 42 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाते हुए उन्हें पुनः बहाल करने की गुहार लगाई थी. हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को गलत बताते हुए बर्खस्तगती के आदेश को निरस्त करते हुए इन्हें बहाल करने का आदेश दिया था.
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सरकार ने चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था
हाईकोर्ट के इस आदेश को सरकार ने चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और एसएलपी दायर की थी. जिन अभ्यर्थियों को सरकार ने बर्खास्त किया था. उसमें से ज्यादातर लोग सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर इस नौकरी में आये थे. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब इन्होंने राहत की सांस ली है.
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