Agartala : अगरतला कोर्ट द्वारा हिरासत में लिये गये प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के (I-PAC) सदस्यों को जमानत दिये जाने की खबर आयी है. इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (1) (b) के तहत FIR दर्ज की गयी थी.
इसे भी पढ़ें : Tokyo Olympics : बॉक्सर लवलीना के पंच ने जलवा दिखाया, निएन चिन चेन को मात दी, सेमीफाइनल में, मेडल पक्का
हम पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते
अगरतला में चुनावी रणनीतिकार और विश्लेषक प्रशांत किशोर की I-PAC से जुड़े 23 सदस्यों की हिरासत में लिये जाने को लेकर त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने कहा कि पुलिस ने अपना काम किया. स्वतंत्रता दिवस आ रहा है, ऐसे में इस बात की जांच होनी बहुत जरूरी है कि राज्य में कौन आ-जा रहा है.
सीएम ने कहा, त्रिपुरा में सभी का स्वागत है, लेकिन हम पुलिस के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते, पुलिस ने अपना काम किया है. उन्होंने कहा कि यह सीमावर्ती राज्य है और 15 अगस्त आ रहा है, इसलिए उन्हें देखना होगा कि कौन (राज्य) आ रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट में सच्चर कमेटी को असंवैधानिक बता याचिका दायर, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर सवाल उठाया
वुडलैंड पार्क होटल से हिरासत में लिये गये थे
बता दें कि त्रिपुरा पुलिस ने अगरतला के होटल वुडलैंड पार्क में प्रशांत किशोर के आई-पीएसी के 23 सदस्यों की टीम को हिरासत में लिया था. उनसे पूछताछ कर पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि वे राज्य छोड़ने के लिए हवाई अड्डे पर जाने के अलावा होटल न छोड़ें.उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया, इस संबंध में पुलिस ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. हालांकि पश्चिम त्रिपुरा के एसपी माणिक दास के अनुसार टीम कुछ रिसर्च से संबंधित काम के लिए राज्य में थी.
सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी
इससे पूर्व बुधवार को किशोर की टीम के सभी 23 सदस्यों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आयी. पुलिस के अनुसार ये सभी अगरतला के होटल में 48 घंटे के लिए आइसोलेशन में थे. इस मामले पर नेता विपक्ष एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि होटल में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के सदस्यों को हिरासत में रखना निन्दनीय है और यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है.