NewDelhi : तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान समूहों द्वारा पंजाब में 1,500 से अधिक मोबाइल टावर तोड़े जाने की खबर हैं. जिससे कुछ क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाएं प्रभावित हुई हैं. बता दें कि रविवार तक 1,411 टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने की बात सामने आयी है. अब यह आंकड़ा 1,500 के पार हो गया है. राज्य में जियो के 9,000 से अधिक टावर हैं.
टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने के संबंध में इन किसान संगठनों का कहना है कि नये कृषि कानूनों से अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी सबसे अधिक लाभ में रहेंगे.
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संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा : कैप्टन अमरिंदर सिंह
हालांकि सोमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पंजाब को अराजकता, किसी निजी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देंगे. कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर आपत्ति नहीं जताई है या उन पर रोक नहीं लगाई है इसलिए संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और लोगों की असुविधा को बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
मुख्यमंत्री ने किसानों को याद दिलाया कि इस तरह संचार माध्यमों को नुकसान पहुंचाने से छात्रों को परेशानी होगी. विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा और कोविड-19 के प्रकोप के कारण घर से काम करने वाले पेशेवरों को नुकसान होगा. सीएम ने कहा कि बैंकिंग सेवाएं भी काफी हद तक ऑनलाइन लेन-देन पर निर्भर हैं.
अंबानी का रिलायंस समूह और अडानी की कंपनियां किसानों से अनाज खरीदने के कारोबार में नहीं
मोबाइल टावर तोड़े जाने के बाद राज्य में कई हिस्सों में इन टावरों को बिजली की आपूर्ति रोक दी गयी है. साथ ही केबल भी काट दिये गये है. जान लें कि अंबानी का रिलायंस समूह और अडानी की कंपनियां किसानों से अनाज खरीदने के कारोबार में नहीं हैं.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि यदि किसान प्रोडक्ट का बहिष्कार करना चाहते हैं और वो जियो सिम नहीं खरीदते हैं या जियो कनेक्शन छोड़ना चाहते हैं, यह सब उचित है. शांतिपूर्ण विरोध का यह तरीका है, लेकिन कंपनी की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना किसी भी रूप में शांतिपूर्ण विरोध का प्रतीक नहीं हो सकता है.
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पुलिस ने टावर तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की
टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) ने कहा है कि कम से कम 1,600 टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है.एनडीटीवी के अनुसार राज्य पुलिस ने टावर तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है और प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में दूरसंचार संपर्क व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया और किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आये हैं.