Ranchi/ Delhi: झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने नई दिल्ली दौरे पर हैं. इसी कम में बादल पत्रलेख मंगलवार देर रात गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. वहां उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैट सहित हजारों आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की.
कृषिमंत्री बादल पत्रलेख ने टिकैत को झारखंड का पानी पिलाया. साथ ही आश्वस्त किया कि रत्नगर्भा राज्यवासियों की ही नहीं है. बल्कि झारखंड का पवित्र जल, जंगल और जमीन भी सभी आंदोलन में लगे किसानों के साथ है. मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि कानून को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि केंद्र सरकार संवेदनहीन हो गयी है. उन्होंने कहा कि वह किसानों के दर्द को वह समझ नहीं पा रही है.
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अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को किया जा रहा प्रताड़ित – बादल
बादल पत्रलेख ने कहा कि सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार एवं सीमेंट की दीवार बनायी गयी है. सरकार अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं को अपने ही देश में दुश्मन बनाकर प्रताड़ित कर रही है. बिजली, पानी, इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी जा रही हैं.
![राकेश टिकैत से मिले कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, आंदोलन को दिया समर्थन](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/02/badal2.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
केंद्र सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के लिए बेहतर नहीं है. वहीं कृषि मंत्री बादल ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव साहब का साफ संदेश है कि, सभी झारखंड के लोग किसान आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. गोड्डा से देवघर तक लंबी ट्रैक्टर रैली निकाली किसानों के समर्थन में और यह पूरे राज्य स्तर पर आगे भी जारी रहेगा.
उन्होंने बताया कि वे पिछले दिनों भी आंदोलनकारियों से मिलने दिल्ली आये थे और झारखंड ही नहीं, बल्कि झारखंड के पड़ोसी राज्य ओड़िशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के किसानों ने भी इस आंदोलन का समर्थन देने का निर्णय लिया है. कृषिमंत्री बादल ने बॉर्डर पर ही किसानों के साथ देर रात खाना भी खाया. झारखंड के कृषिमंत्री को अपने बीच देख कर आंदोलनरत किसान काफी उत्साहित हुए.
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