LagatarDesk : कैबिनेट ने बुधवार को देश में विकसित आकाश मिसाइल के निर्यात को मंजूरी दे दी है. आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के अभियान के तहत सरकार ने यह फैसला लिया है. देश की कई कंपनियां विश्व स्तर का हथियार बनाने में सक्षम हैं. आकाश मिसाइल भारत की एक पहचान है. आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जिसकी क्षमता 25 किमी तक है. इस मिसाइल को 2014 में भारतीय वायु सेना ने बनाया था और 2015 में इसे भारत में शामिल किया गया था.
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भारत रक्षा उत्पादों के निर्यातकों की सूची में 19वें नंबर पर
केंद्र सरकार ने 2024 तक 35000 करोड़ रुपये का सालाना रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है. 2019 में भारत रक्षा उत्पादों के निर्यात की सूची में 19वें नंबर पर था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात 1521 करोड़ था, साल 2018-19 में बढ़कर 10745 करोड़ हो गया. भारत फिलहाल सालाना करीब 17000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात कर रहा है. केंद्र सरकार ने अगले 4 साल में रक्षा निर्यात का दोगुना से ज्यादा का लक्ष्य रखा है. भारत फिलहाल 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है. जिसमें कई बड़े देश भी शामिल हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक भी है.
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क्या है कैबिनेट का फैसला
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दी है और यह फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश विभिन्न रक्षा उत्पादों और मिसाइलों की निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए लिया गया है.
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मिसाइल सिस्टम के निर्यात से भारत को होगा फायदा
- कैबिनेट के इस कदम देश को काफी लाभ मिलेगा. रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत को इस फैसले से 5 अरब डॉलर के रक्षा निर्यात करने में मदद मिलेगी. रक्षा उत्पादों के निर्यात में भारत का बड़े प्लेटफार्म में हिस्सा कम था. भारत को इससे अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी.
- कैबिनेट के इस फैसले से पड़ोसी देशों के साथ संबंध अच्छे और मजबूत होंगे. भारत का जिन पड़ोसी देशों से संबंध नहीं बन पाया है, उनसे संबंध बनेंगे. सरकारी सूत्रों के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के 9 मित्र देशों ने आकाश मिसाइल को खरीदने की इच्छा जाहिर की है. सरकार ने इसका खुलासा नहीं किया है कि कौन से देश इस मिसाइल को खरीदना चाहते हैं.
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आकाश सिस्टम की खासियत
जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल 96 फीसदी स्वदेशी है. ये हवा में 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है. सिस्टम को DRDO ने इसे विकसित किया है. सरकार के मुताबिक निर्यात किया जाने वाला आकाश सिस्टम भारतीय सेनाओं के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सिस्टम से थोड़ा अलग होगा. इस सिस्टम को भारतीय वायुसेना ने 2014 में और भारतीय सेना ने 2015 में सेवा में शामिल किया था.
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