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झारखंड पुलिस के बढ़ते दबाव के बीच माओवादियों ने की शांति वार्ता की अपील

SAURAV SINGH Ranchi :  झारखंड में पुलिस के बढ़ते दबाव के बाद भाकपा माओवादियों ने शांति वार्ता की अपील की है. झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुकी है और पुलिस का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने बयान जारी किया है. जारी बयान में कहा है कि अगर सरकार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियानों को रोक देती है, तो वे बिना शर्त शांति वार्ता के लिए तैयार हैं. प्रवक्ता अभय ने सरकार के सामने कुछ मांगें भी रखी हैं. पहला -  झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हत्याएं और नरसंहार बंद किये जायें. दूसरा -  नये सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकी जाये. अगर सरकार इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती है, तो नक्सली तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे.  माओवादियों का यह प्रस्ताव पिछले कई वर्षों में इस तरह का पहला प्रस्ताव है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/04/Untitled-7-8.jpg"

alt="" width="600" height="400" />   झारखंड के 113 थाना क्षेत्रों में नक्सली हुए खत्म  झारखंड में बीते दस साल के दौरान 113 थाना क्षेत्रों में नक्सली खत्म हुए हैं. झारखंड पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में झारखंड के 131 थाना क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव था. जो साल 2024 के अंत तक कम होकर सिर्फ 18 रह गयी है. सुरक्षाबलों द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियानों के कारण अब सिर्फ सात जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में ही नक्सलियों का प्रभाव बचा है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/04/Untitled-5-12.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> बीते पांच सालों में मारे गये 69 नक्सली
  • - 2020 : 18
  • - 2021 : 08
  • - 2022 : 13
  • - 2023 : 14
  • - 2024 : 11
  • - 2025 (10 अप्रैल तक) : 05
  • - कुल : 69
पांच साल में 19 जवान हुए शहीद
  • - 2020 : 02
  • - 2021 : 06
  • - 2022 : 02
  • - 2023 : 05
  • - 2024 : 03
  • - 2025 (10 अप्रैल तक) : 01
  • - कुल : 19
झारखंड में नक्सलियों का सात दस्ता सक्रिय
  • - चाईबासा जिले के जराइकेला और टोंटो थाना क्षेत्र में मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, सिंगरई और अजय महतो का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 65 नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - चाईबासा जिले के गोइलकेरा और सोनूवा थाना क्षेत्र में मेहनत और अमित मुंडा का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 30 नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - बोकारो जिले के जागेश्वर बिहार थाना क्षेत्र में विवेक और रघुनाथ का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 23 नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में पांच नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - लातेहार जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र में छोटू खेरवार का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 10 नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में मनोहर गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में तीन नक्सली कैडर शामिल हैं.
  • - पलामू जिले के मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्र में नितेश यादव का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में छह नक्सली कैडर शामिल हैं.
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alt="" width="600" height="400" />
झारखंड के पांच जिले माओवाद प्रभावित केंद्रीय गृह मंत्रालय की समीक्षा के बाद देश के 9 राज्यों के 38 जिलों में अब सिर्फ माओवाद प्रभाव होने की बात सामने आयी है. इनमें झारखंड के भी पांच जिले (पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, गुमला, लातेहार व लोहरदगा) भी शामिल हैं. केंद्र सरकार ने माओवाद प्रभाव के आधार पर एलडब्लूई (लेफ्ट विंग एक्सट्रीम) जिलों को तीन श्रेणियां में बांटा है. पहली श्रेणी में नक्सल प्रभाव वाले जिलों को रखा गया है. दूसरी श्रेणी में अति माओवाद प्रभावित जिलों को रखा गया है. जबकि तीसरी श्रेणी उन जिलों की है, जहां माओवाद का प्रभाव कम हो गया है, लेकिन अब भी वहां नजर रखने की जरुरत है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, पश्चिमी सिंहभूम को अति माओवाद प्रभावित जिले की सूची में रखा गया है. जबकि शेष चार नक्सल प्रभाव वाले जिलों डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंर्सन (डीओसी) की लिस्ट में रखा गया है.

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