- सप्ताह में 6 दिन बच्चों को मिलेगा अंडा
- विश्व आदिवासी दिवस पर किसानों को सीएम की कई सौगातें
- 2 लाख किसानों के बीच 734 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण
Ranchi : विश्व आदिवासी दिवस पर देश-विदेश के आदिवासी समाज के लोगों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. इस दौरान सीएम ने राज्य के 24 जिलों के 264 प्रखंडों में 2 लाख किसानों के बीच 734 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. सरकारी अवकाश के दिन सीएम ने प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में आयोजित एक समारोह में इन परिसंपत्तियों का वितरण किया.
इस मौके पर सीएम ने कहा कि हमारी सरकार आने वाले 25 वर्षों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है. किसान मजबूत होंगे तभी राज्य मजबूत होगा. सीएम ने घोषणा की है कि आज से झारखंड के किसानों को बिरसा किसान के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से कुछ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पशुधन योजना से जुड़ी परिसंपत्तियों का वितरण किया.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री बादल, विधायक बंधु तिर्की और समरी लाल भी उपस्थित रहे. मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से बोकारो एवं दुमका के किसानों से बात की. मुख्यमंत्री ने किसानों से उनकी फसल एवं कृषि गतिविधियों के संबंध में जानकारी ली और उन्हें शुभकामनाएं दी.
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सीएम ने कहा कि किसान हमारे राज्य की जड़ के रूप में हैं.ग्रामीण क्षेत्र के किसानों एवं खेतिहर मजदूरों के लिए खेत उनका बैंक और पशुधन एटीएम है. पशुधन जैसे आय के स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने पशुपालन पर विशेष बल दिया है. ग्रामीण किसान एवं खेतिहर मजदूर भाईयों को सब्सिडी पर पशु एवं पशु शेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि राज्य में लगभग 40 प्रतिशत बच्चे जन्म लेते ही कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सप्ताह में 6 दिन इन बच्चों को अंडा उपलब्ध कराया जाएगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कभी किसी सरकार ने किसानों के दुख दर्द को नहीं समझा. हमेशा उन्हें वोट बैंक समझा. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने शपथ लेते ही ऋण माफी की. कोरोना काल में 2000 हजार करोड़ रुपये ऋण माफी के लिए दिये. वह भी तब, जब किसानों को उसकी जरूरत थी. यही नहीं जिनका भी ऋण माफ किया गया. उन्हें एक और मौका दिया गया.
कृषि सचिव ने अबू बकर सिद्दकी ने कहा कि सरकार किसानों को पूंजी के अभाव से बचाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर फोकस कर रही है. इससे जहां किसानों को कम ब्याज दर पर बैंकों से कार्यशील पूंजी मिलेगी. वहीं किसान साहूकारों के कर्ज के जाल में भी नहीं फसेंगे. उन्होंने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से अभी तक किसानों से केसीसी के लिए 6,86,661 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 1,39,434 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं. शेष की स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है.
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