Kisanganj : बिहार में पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 12 दिनों में राज्य में अररिया, सिवान, मोतिहारी, किशनगंज और मधुबनी में निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गये. वहीं अब किशनगंज से पुल के धंसने की खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार, ठाकुरगंज प्रखंड के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में बूंद नदी पर बना पुल का पिलर तेज बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब एक से डेढ़ फीट धंस गया है. जानकारी के अनुसार, यह पुल तत्कालीन सांसद मो. तस्लीम उद्दीन के सांसद कोष से 2007-08 में बनाया गया था. स्थानीय पूर्व मुखिया जवाहर सिंह के अनुसार, बूंद नदी पर बना पुल तीन से चार पंचायतों को जोड़ता है. अगर यह पूरी तरह से धराशायी हो जाता है तो 50 से 60 हजार आबादी को परेशानी होगी.
बीजेपी ने पुल निर्माण कार्य में अनियमितता करने का लगाया आरोप
इधर बिहार में एक के बाद एक लगातार छह पुलों के गिरने के बाद राज्य में सियासत तेज हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने 2007-08 में बने पुल के धंसने पर राष्ट्रीय जतना दल (आरजेडी) पर हमला बोला है. नीरज कुमार ने कहा कि यह पुल राजद के तत्कालीन सांसद व दिवंगत तसलीमुद्दीन के फंड से बना था. उन्होंने पुल निर्माण कार्य में अनियमितता करने और घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. साथ ही बीजेपी प्रवक्ता ने इस पुल के साथ-साथ राज्य के बाकी पुलों की भी जांच कराने की बात कही है. इतना ही नहीं जांच में जो दोषी पाये जाने वालों को ना बख्शने की भी हिदायत दी है.
18 जून से निर्माणाधीन पुल गिरने का सिलसिला जारी
बता दें कि बिहार में आये दिन पुल के गिरने का मामला सामने आ रहा है. सबसे पहले 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से बना पुल गिरा था. वहीं चार दिन बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक को जोड़ने वाली नहर पर बना पुल गिरा था. 23 जून को मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल भरभरा कर गिर गया था.इसके बाद 27 जून को बिहार के किशनगंज में कनकई और महानंद नदी को जोड़ने वाली सहायक नदी पर बना 70 मीटर लंबा पुल का पिलर अचानक ढह गया. वहीं 28 जून को मधुबनी में भी निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिर गया. अब किशनगंज में पुल का पिलर धंसने की खबर आयी है. 12 दिनों में छह पुल के गिरने के बाद पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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