Ranchi: रांची में एक अजीब घटना हुई है. अरगोड़ा अंचल आदिवासी भूखंड की फर्जी जमाबंदी कर दी गई. जमीन हरमू रोड से कटहल मोड़ (चापू टोली चौक ) जाने वाले रास्ते में है और जमीन का कुल रकवा 84 डिसमिल है. अब उस पर अपार्टमेंट का निर्माण हो रहा है. अपार्टमेंट का निर्माण समृद्धि बिल्डर के द्वारा किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक संबंधित भूखंड अरगोड़ा अंचल के अरगोड़ा मौजा का है. इस पर कब्जा के लिये पहले अंचल कार्यालय में एक फर्जी जमाबंदी खोला गया. जिसका रिकॉर्ड अब अंचल कार्यालय में नहीं है. इस तरह एक फर्जी जमाबंदी केस नंबर (24R27/1956-57) कागज में लाया गया. इसके आधार पर अरगोड़ा मौजा के खाता संख्या – 44 के प्लॉट नंबर – 440 की 84 डिसमिल भूमि को सीएनटी फ्री भूमि बना दिया गया. फिर इस पर अपार्टमेंट का निर्माण किया जा रहा है.
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गोन्दल उरांव के नाम है जमीन
अरगोड़ा अंचल की जिस 84 डिसमिल भूखंड को सीएनटी फ्री बनाया गया है, उस भूमि की जमाबंदी गोन्दल उरांव के नाम पर था. 1995-1996 तक गोन्दल उरांव के नाम से लगान रसीद भी काटे जाते रहे है. भूमि पर गोन्दल उरांव के वंशजों का कब्जा भी कायम था. इसके बाद पंजी टू में छेड़छाड़ कर फर्जी दाखिल खारिज वाद के माध्यम से भूमि को सीएनटी फ्री बनाकर 2019 से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.
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विधानसभा में चमरा लिंडा ने उठाया था सवाल
झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने 13 मार्च 2020 को तारांकित प्रश्न के माध्यम से इस मामले को विधानसभा में उठाया था. जिसमें उन्होंने अरगोड़ा मौजा स्थित खाता संख्या – 44, प्लॉट संख्या – 440, रकबा 84 डिसमिल की जमाबंदी से संबंधित रिपोर्ट की मांग राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से किया था. जिसके जबाब में विभाग की ओर से कहा गया था कि अंचल कार्यालय कांके में वर्ष 1956- 57 का नामांतरण पंजी आर 27 संधारित नहीं है. और ना ही वाद संख्या 24आर27/ 1956- 57 का अभिलेख ही उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में वाद की सत्यता की जांच करना संभव नहीं है.
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