Jamshedpur (Anand Mishra) : अरका जैन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ नर्सिंग में की ओर से भावी नर्सों को व्यापक व्यावहारिक ज्ञान से लैस करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें विशेष रूप से बीएससी के विद्यार्थियों के लिए डिजाइन किए गए एक अभिनव स्वास्थ्य मूल्यांकन मॉड्यूल का अनावरण किया गया. कार्यशाला का उद्देश्य सैद्धांतिक शिक्षा और व्यावहारिक नैदानिक अभ्यास के बीच अंतर को दर्शाना व समझाना था. अरका जैन यूनिवर्सिटी के जेईएच ऑडिटोरियम ब्लॉक आर्यभटटा कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत नर्सिंग के छात्र सुजॉय मैती नर्सिंग छात्र ने एक परिचयात्मक सत्र के साथ की, जिसमें विभिन्न शारीरिक प्रणालियों को समझने में स्वास्थ्य मूल्यांकन के महत्व और दायरे को रेखांकित किया. नर्सिंग ट्यूटर रोहित पॉल लकड़ा ने मस्कुलोस्केलेटल प्रणाली और इसकी शारीरिक रचना, कार्यों, सामान्य बीमारियों और मूल्यांकन तकनीकों के बारे में बताया. स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रतिभागी चर्चाओं और व्यावहारिक प्रदर्शनों में लगे रहे. नर्सिंग ट्यूटर सागरिका बारिक ने पाचन स्वास्थ्य, सामान्य विकारों, परीक्षा विधियों और समग्र स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए इस प्रणाली के मूल्यांकन के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया. वहीं नर्सिंग ट्यूटर प्रियंका टुडू ने श्वसन शरीर रचना, कार्यों, मूल्यांकन उपकरणों और तकनीकों पर चर्चा की. व्यावहारिक प्रदर्शनों से प्रतिभागियों को श्वसन स्वास्थ्य मूल्यांकन को समझने में मदद मिली.
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इससे पूर्व नर्सिंग की छात्रा शेरोन मार्डी के आमंत्रण पर प्रिंसिपल प्रो जिनु एनी जोसेफ ने मंच पर आकर स्वागत भाषण किया. प्रतीकात्मक ‘दीप प्रज्ज्वलन’ कार्यशाला ने सांस्कृतिक महत्व जोड़ा, जो ज्ञानोदय और ज्ञान साझा करने का प्रतीक है. इसके बाद विश्वविद्याय प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो (डॉ) एसएस रजी ने स्वास्थ्य मूल्यांकन के बारे में जानकारी दी और अतिथि वक्ता को संबोधित करते हुए कार्यशाला में उनकी विशेषज्ञता और योगदान पर प्रकाश डाला. की-नोट स्पीकर डॉ अरुण कुमार, न्यूरोलॉजिस्ट (वरिष्ठ सलाहकार), ब्रह्मानंद नारायण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को पौधा भेंट कर स्वागत किया. डॉ अरुण कुमार ने नर्सिंग करियर की शुरुआत में इन कौशलों को निखारने के महत्व पर जोर दिया. “यह मॉड्यूल छात्रों को रोगी की देखभाल के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ सशक्त बनाने और संपूर्ण मूल्यांकन करने में कुशल बनने में सहायता करता है”. मुख्य वक्ता ब्रह्मानंद नारायण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार, सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर गहन ज्ञान साझा किया. नर्सिंग छात्रों ने केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का पता लगाया, इसकी जटिलताओं, सामान्य न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन और समग्र कल्याण में न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य के महत्व को समझा.
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स्कूल ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य द्वारा आभार स्वरूप डॉ अरुण कुमार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. नर्सिंग ट्यूटर अंशुमाला खलखो ने हृदय स्वास्थ्य, संचार प्रणाली के कार्यों, सामान्य हृदय मूल्यांकन और हृदय स्वास्थ्य के मूल्यांकन के तरीकों को कवर किया. नर्सिंग ट्यूटर वर्षा बसुरी ने जेनिटोरिनरी सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें मूत्र और प्रजनन स्वास्थ्य, मूल्यांकन विधियों और समग्र स्वास्थ्य मूल्यांकन में इन आंकलन के महत्व पर चर्चा की गई. अंशुमाला खलखो ने वक्ताओं, सुविधा प्रदाताओं, नर्सिंग छात्रों और आयोजकों के योगदान को स्वीकार करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया. साथ ही इसमें उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला से मिली प्रमुख सीख पर प्रकाश डाला. प्रो जिनु एनी जोसेफ के मार्गदर्शन और कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर देने के लिए आभारी हैं. उन्होंने इस आयोजन को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद के लिए प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो (डॉ) एसएस रजी के प्रति भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ नर्सिंग की ओर से डॉ अरुण कुमार, अनुभवी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और शिक्षकों के नेतृत्व में सत्र छात्रों को स्वास्थ्य मूल्यांकन तकनीकों की जटिलताओं को समझने का अवसर प्राप्त हुआ. इंटरैक्टिव प्रदर्शनों और सिमुलेशन के माध्यम से, प्रतिभागियों ने रोगी मूल्यांकन के महत्वपूर्ण पहलुओं, उनकी भविष्य की भूमिकाओं के लिए महत्वपूर्ण कौशल में महारत हासिल की.