Guwahati : असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा आज जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलेंगे. इस क्रम में सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की आबादी की वृद्धि धीमी करने के लिए विशेष नीतिगत कदम उठायेगी. कहा कि इसका लक्ष्य गरीबी और निरक्षरता का उन्मूलन करना है.
उन्होंने कहा, मैं रविवार 4 जुलाई को 150 मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलने जा रहा हूं. बताया कि पिछले एक माह में वे अखिल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ के दोनों गुटों से मिले और सभी ने कहा कि जनसंख्या एक समस्या है और हमें इसे हल करने की आवश्यकता है. असम में कोई विवाद नहीं है.
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बाहर के लोग स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं
उन्होंने कहा, अगर वे (बाहर के लोग) स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते हैं और वे केवल इसलिए विवाद पैदा करते हैं क्योंकि भाजपा सीएम ने ऐसा कहा है, तो यह विवाद नहीं हो सकता. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, अगर कोई अल्पसंख्यक लोगों के बीच गरीबी और अशिक्षा को मिटाने की कोशिश कर रहा है तो लोगों को उसका स्वागत करना चाहिए.
कहा कि राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक गतिविधियों का प्रसार करना तथा इस तरह के कदमों के जरिए मुस्लिम आबादी की वृद्धि पर रोक लगाना है. सरमा ने कहा कि हालांकि, इस तरह का रुख समुदाय के अंदर से ही आना होगा, क्योंकि जब सरकार बाहर से ऐसा करेगी तो इसका राजनीतिक आधार पर मतलब निकाला जायेगा.
यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए है
मुख्यमंत्री ने कहा. यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए तथा इन सबसे ऊपर, समुदाय के कल्याण के लिए है. उन्होंने दावा किया कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है लेकिन ‘जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो यह पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से. जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही. सरमा ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ निरंतर संपर्क में हैं और वह समुदाय के अंदर एक तरह का नेतृत्व सृजित करने के लिए अगले महीने कई संगठनों के साथ परामर्श करेंगे.