Ranchi: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उनके राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी को झूठे केस में फंसाया जा रहा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आयशा अशफाक मामले में इंटरवेनर बनने पर सुनील तिवारी को यौन शोषण के केस में फंसाया जा रहा है. झारखंड की पुलिस सत्ता पक्ष के टूल के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2020 में आयशा अशफाक का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें उसने कहा था कि अगर उसे कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे और सुनील तिवारी होंगे. बाबूलाल ने कहा कि इस वीडियो के आने के बाद उन्होंने मुंबई के डीजी और पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की थी. साथ ही सुनील तिवारी को इंटरवेनर बनने को कहा. सुप्रीम कोर्ट से मामला चल रहा है, जल्द फैसला आ सकता है. इसे देखते हुए सुनील तिवारी पर दबाव बनाने के लिए उन्हें फंसाया जा रहा है.
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सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से हो जांच
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आयशा अशफाक मामले को लेकर सत्ता पक्ष के कई लोग लगातार सुनील तिवारी को धमकी दे रहे थे. जब सुनील तिवारी नहीं डरे, तब उनके घर में एक साल पहले काम कर रही लड़की से यौन शोषण का झूठा केस करवा दिया गया. बाबूलाल ने कहा कि वे मांग करते हैं कि आयशा अशफाक और सुनील तिवारी दोनों मामले की सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करायी जाये.
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क्या है मामला
गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. रांची के अरगोड़ा थाने में खूंटी की युवती ने केस दर्ज कराया है. इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई है. पीड़िता की मेडिकल जांच कराने के बाद कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया है. दर्ज FIR में युवती ने कहा है कि वो सुनील तिवारी के यहां नौकरानी का काम करती थी. वहां उसके साथ जबरन संबंध बनाया गया. जब विरोध करती थी, तब जान से मारने की धमकी दी जाती थी और पीटा भी जाता था.