Ranchi: बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारी केंद्र सरकार की योजनाओं को अवरुद्ध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस किया जा रहा है कि अपने राज्य में केन्द्र सरकार से प्राप्त लोक कल्याणकारी व जनोपयोगी योजनाओं के ससमय कार्यान्वित कराने के मामले में राज्य सरकार के कुछ अधिकारी या तो शिथिलता बरतते हैं या उन्हें जानबूझकर अज्ञात कारणों से लटकाये रखना चाहते हैं. देवघर में बन रहे एम्स और एयरपोर्ट ऐसी ही योजनाओं में शामिल हैं, जिन्हें वहां प्रशासनिक दांवपेंच में फंसा कर ससमय चालू न होने देने के प्रयास की बात सामने आ रही है. देवघर में एम्स और एयरपोर्ट ऐसी अतिमहत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना है, जिनके चालू होने से न सिर्फ झारखंड बल्कि सीमावर्ती बिहार-बंगाल की बड़ी आबादी को भी इसका लाभ मिलेगा.
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योजनाओं को टालना राज्यहित में नहीं
बाबूलाल ने मुख्यमंत्री से कहा है कि जनकल्याणकारी योजनाएं लोगों के कल्याण के लिए होती हैं. राजनैतिक नफा-नुकसान की गरज से ऐसी जनोपयोगी योजनाओं को लटकाने का प्रयास न तो हमसबों के हित में है और न ही राज्य और यहां की जनता के हित में. देवघर में बन रहे एम्स के उद्घाटन टालने के लिए कोविड गाइड लाइन की आड़ में प्रशासनिक अड़ंगेबाजी और राजनैतिक कारणों से ऐसा व्यवधान उत्पन्न किया गया कि एम्स औपचारिक रूप से शुरू नहीं हो पाया है.
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18 महीने में जमीन का छोटा टुकड़ा अधिग्रहित नहीं कर पाई सरकार
उन्होंने कहा कि अब पता चल रहा है कि देवघर मधुपुर पीडब्ल्यूडी पथ से निर्माणाधीन देवघर एयरपोर्ट तक पहुंच पथ के लिए महज 320 मीटर लंबी भूमि, जिसकी अनुमानित कीमत 11 लाख रुपये होगी. उसके अधिग्रहण मामले में सुस्ती बरती जा रही है. बाबूलाल ने लिखा कि आपको सत्ता में आए हुए 18 महीने हो गये हैं. यदि आप 18 महीने में इतनी छोटी जमीन के टुकड़े का अधिग्रहण नहीं करवा पा रहे हैं, तो इसे क्या कहा जाए. क्या ये नहीं समझा जाएगा कि आप केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की जनकल्याणकारी योजना को जनहित के नजरिये से नहीं बल्कि राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं.