Baharagoda (Himangshu Karan) : बहरागोड़ा प्रखंड के स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसे बामडोल, महुलडांगरी, मधुआबेड़ा तथा गोहालडीह में लगभग 100 एकड़ खेत में किसानों ने निजी स्तर से सिंचाई की व्यवस्था कर खीरा की खेती की है. यहां उत्पादित खीरा प्रति किलो 25-30 रुपए की दर से पश्चिम बंगाल और बिहार भेजा जा रहा है. गांवों में हर रोज मंडी लगती है जहां से व्यापारी खीरा खरीद कर ले जाते हैं.
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खेती में होने वाले खर्च भी निकालना मुश्किल
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वर्षा नहीं होने के कारण खीरा की लतर मुरझा रही है. पौधे में फल लगना शुरू हो चुके हैं और इस समय लतरों का मुरझाना किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं उत्पादित खीरा बंगाल तथा बिहार से व्यापारी आकर कम मूल्य पर खरीद रहे हैं. खेती में होने वाले खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है. किसानों को स्वर्णरेखा नदी से पंप द्वारा सिंचाई करनी पड़ रही है. इससे लागत अधिक पड़ रहे हैं.
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क्या कहते हैं किसान
कृषक उपेन माईती का कहना है कि यदि सरकार द्वारा स्वर्णरेखा नदी से सिंचाई की व्यवस्था की जाती तो सब्जी की खेती करने में उन्हें और सहूलियत होती. स्वर्णरेखा नदी से पंप द्वारा सिंचाई करने से अधिक लागत पड़ रही है. वर्षा नहीं होने के कारण खीरा की फसल मुरझाने लगी है. जीतू खामराई ने बताया कि सब्जी के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर नहीं रहने के कारण कम दाम पर खीरा को बेचना मजबूरी बन गई है. यदि भंडारण की सुविधा होती तो सब्जी की उचित कीमत मिल पाती. किसान रबीन नायेक का कहना है कि सरकार से ना तो खाद और ना ही बीज मिलती है.