Banka: मध्याह्न भोजन योजना (MDM) में चावल वितरण के खेल में घालमेल हो रहा है. निविदा नहीं होने के कारण डेढ़ साल से साधन सेवी द्वारा ही उठाव व वितरण किया जा रहा है. चावल की कमी या कुछ शिक्षकों द्वारा गड़बड़ी करने पर स्वयं जांच भी साधन सेवियों द्वारा किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार एमडीएम का चावल वितरण के लिए संवेदक नियुक्ति की निविदा विभाग द्वारा 13 जून 2020 को निकाली गई थी. इसके लिए तीन दर्जन से अधिक संवेदकों ने हिस्सा लिया था. विभाग द्वारा 30 जून 2020 को निविदा खोला गया. इस क्रम में सभी गाडिय़ों की जांच की प्रक्रिया परिवहन विभाग द्वारा की गई. जांच पूरी होने के बाद निविदा की प्रक्रिया पूरी होने के दौरान ही कोरोना काल आ गया. इससे निविदा पर रोक लग गई. पुन: कोरोना का मामला ठंडा होने पर 15 मार्च 2021 को डीएम सुहर्ष भगत द्वारा गाडिय़ों का भौतिक सत्यापन का आदेश दिया गया. इस क्रम में आरएमके मैदान में 17 मार्च को डीएम के आदेश पर मोटर यान निरीक्षक ने इसकी जांच की. जांच के बाद रिपोर्ट देने के बाद भी मामला ठंडे वस्ता में चला गया.
इसे भी पढ़ें-Birthday Special : कभी संजय दत्त के प्यार में दीवानी थीं मनीषा कोइराला, इन एक्टर्स के साथ थे अफेयर के चर्चे
बिल्ली कर रही दूध की रखवाली
इधर, जानकारी मिली है कि लगभग 11 हजार क्विंटल चावल का उठाव जिला भर में साधन सेवियों द्वारा प्रतिमाह किया जाता है. इसमें किसी भी जगह गड़बड़ी पर स्वयं जांच कर मामले की लीपापोती कर दी जा रही है. एमडीएम प्रभारी भी इस मामले में सुस्त हैं. चर्चा है कि कुछ साधन सेवियों द्वारा प्रभारी को भी खुश कर निविदा की फाइल को रोक दिया गया है, ताकि घालमेल का खेल चलता रहे. यानी यहां दूध की रखवाली बिल्ली करनेवाली कहावत चरितार्थ हो रही है. वहीं एमडीएम के प्रभारी रवींद्र प्रकाश का कहना है कि संवेदकों की निविदा प्रक्रिया में है. शीघ्र ही इस दिशा में पहल की जाएगी और घालमेल की बात गलत है.