- बरही प्रखंड के 128 विद्यालयों में तीन-चार को छोड़ कहीं नहीं लगा है तड़ित चालक
- दो दिन पूर्व अधिकारियों को भी दी गई जानकारी
- बच्चों को विद्यालय भेजने से डरते हैं अभिभावक
- शीघ्र तड़ित चालक लगाने की अधकिारियों से मांग
Jaideep Kumar Sinha
Barhi (Hazaribagh) : प्रखंड के अधिकांश क्षेत्र ठनका प्रभावित क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है. यहां बरसात के मौसम में आए दिन वज्रपात की घटनाएं सुनने को मिलती रहती है. इसके बावजूद प्रखंड के तीन या चार विद्यालयों को छोड़ किसी भी विद्यालय में तड़ित चालक नहीं है. बच्चे वज्रपात के साए में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं. इस संबंध में दो दिन पूर्व हुई 20 सूत्री की बैठक में अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है.
हालांकि, पूर्व में घटित वज्रपात से मौत की घटनाओं पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. जिसका जीता-जागता उदारण है, प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में तड़ित चालक का ना होना. वहीं, शिक्षकों को भी बरसात के मौसम में विद्यालय आने के बाद वज्रपात का भय सताता रहता है. हालांकि, खुल कर कोई भी शिक्षक इस बारे में कुछ भी कहने से डरते हैं. लेकिन, दबी जुबान उनका डर रह-रह का झलकते रहता है. दूसरी ओर अभिभावक भी बरसात के मौसम में अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजना चाहते हैं. उनलोगों को डर लगा रहता है कि कहीं वज्रपात हो गई, तो उनके नौनिहालों के साथ कोई अप्रिय घटना न हो जाए.
1998 में एक साथ छह बच्चों की हो गई थी मौत
कोल्हुआकला पंचायत के पूर्व मुखिया टेकलाल यादव ने बताया कि 1998 में उनके पंचायत के उत्क्रमित उच्च विद्यालय में वज्रपात होने से एक साथ छह बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की नींद नहीं खुली और वज्रपात से बचने के लिए अब तक कोई समुचित प्रयास नहीं किया गया. इसी पंचायत के पूर्व मुखिया सह 20 सूत्री सदस्य रघुवीर यादव ने भी इसे घोर लापरवाही बताया. उन्होंने सभी विद्यालयों में जल्द से जल्द तड़ित चालक लगाने की अधकिारियों से मांग की है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रखंड के अधिकांश क्षेत्र वज्रपात संभावित क्षेत्र के रूप में जाने जाते हैं, जहां हर वर्ष वज्रपात की घटनाएं देखने को मिल रही हैं.
फिलहाल कोई योजना नहीं
जेई रंजीत सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2008-09, 2009-10 और 2010-11 में विभिन्न विद्यालयों में तड़ित चालक लगाए गए थे. इसके लगाने में प्रति विद्यालय 36,000 रुपए खर्च हुए थे. लेकिन, ये तड़ित चालक या तो सड़ गए या फिर चोरी हो गए. वहीं, नए तड़ित चालक लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. योजना आने पर विभाग इस दिशा में कार्य करेगा.
प्रखंड क्षेत्र में 128 विद्यालय
बीपीएम अरुण कुमार से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड में कुल 128 विद्यालय हैं. इनमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मॉडल विद्यालय, अनुसूचित जाति विद्यालय और बेसिक विद्यालय एक-एक, उच्च विद्यालय 10, एनपीएस और प्राथमिक 64, उमवि व मवि 48 और दो मदरसे हैं. तड़ित चालक के लिए अब तक कोई कोष या आदेश नहीं आया है.
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